‘बदलापुर एनकाउंटर टल सकता था’, क्या आरोपी के हाथ-पैर में गोली नहीं मारी जा सकती थी? —हाईकोर्ट ने उठाया सवाल

मुंबई: बदलापुर एनकाउंटर पर हाईकोर्ट के सवाल

बदलापुर में दो बच्चियों के यौन उत्पीड़न मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपी अक्षय शिंदे के एनकाउंटर पर गंभीर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने कहा कि आरोपी की गोली मारकर हत्या को टाला जा सकता था। इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय ने पुलिस से कई महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि एनकाउंटर की परिस्थितियों में क्या कुछ और विकल्प मौजूद थे।

कोर्ट ने स्पष्ट रूप से पूछा कि आरोपी को सीधे सिर में गोली क्यों मारी गई, जबकि उसके पैर या हाथ में गोली मारकर उसे पकड़ने का प्रयास क्यों नहीं किया गया। इस सवाल ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि यदि पुलिस चाहती, तो आरोपी को गोली लगने से बचाया जा सकता था।

इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी पूछा कि पुलिस ने पहले आरोपी को काबू करने की कोशिश क्यों नहीं की। क्या उन्हें अन्य गैर-घातक तरीकों से उसे नियंत्रित करने का प्रयास नहीं करना चाहिए था?

हाईकोर्ट की टिप्पणियों ने एनकाउंटर के मामले में गंभीरता से जांच की आवश्यकता को उजागर किया है। यह मामला केवल आरोपी के अपराधों से जुड़ा नहीं है, बल्कि पुलिस के कार्य करने के तरीके और कानून के प्रति जवाबदेही के पहलुओं को भी सामने लाता है। न्यायालय की टिप्पणियों से यह साफ है कि एनकाउंटर का मामला जांच और चर्चा का विषय बना रहेगा, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

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