कहानी गंजे की, नाम ‘बाला’, आयुष्मान खुराना की एक और शानदार फ़िल्म
आयुष्मान खुराना वो कलाकार जो अब लगातार बॉलीवुड में सुपरहिट मूवी दे रहा हैं | आयुष्मान की फिल्मों में जबरदस्त कंटेंट और शानदार ह्यूमर दिखाया जाता हैं जो लोगो को काफी पसंद भी आता हैं | वहीँ इस शुक्रवार को आयुष्मान की मर्दों में ‘गंजेपन’ की समस्या पर अगली फिल्म रिलीज़ हुई हैं, जिसका टाइटल है ‘बाला’. यह एक गंजे की कहानी जिसका नाम बाला उसके खूबसूरत बालों के चलते ही पड़ा है |
ये कहानी है बालमुकुंद शुक्ला यानी बाला (आयुष्मान खुराना) की, जो अपने सिल्की और शाइनी बालों से बेहद प्यार करता है | स्कूल टाइम से ही बाला कानपुर का शाहरुख खान है, जिसपर स्कूल की कई लड़कियां मरती हैं | लेकिन फिर आता है जवानी का दौर जब बाला के ‘बाल’ उससे अलविदा कहना शुरू करते हैं और यहां से शुरू होती है बाला की बाल पाने की जंग | अपने बालों को वापस लाने के लिए बाला दुनियाभर के नुस्खे अपनाता है और इसी बीच प्यार भी कर बैठता है | बालों को वापस लाने के चलते बाला आखिर में एक शानदार नुस्खा अपनाता है और फिर शुरू होती है धमाकेदार उठापटक |
बता दें की ‘बाला’ महज गंजेपन की कहानी नहीं है | ‘गंजापन’ इस फिल्म के मुख्य किरदार की कहानी है लेकिन यह फिल्म उससे कहीं आगे है, काफी कुछ को समेटती और इस ‘काफी कुछ’ को 2 घंटे के शानदार पैकेज में देने के लिए सारी तारीफें निर्देशक अमर कौशिक को जाती हैं | पिछले साल ‘स्त्री’ जैसी शानदार फिल्म से बॉलीवुड में बतौर निर्देशक अपना सफर शुरू करने वाले अमर कौशिक से ‘बाला’ से कम उम्मीद भी नहीं की जानी चाहिए | ये फिल्म हर उस शख्स को अपने साथ जोड़ती है जो कभी न कभी अपनी लाइफ में अपने लुक्स को लेकर, अपनी कमियों को लेकर ताने सुनता रहा है | जहां कई लोग इन तानों के साथ जीना सीख जाते हैं तो कई खूबसूरती के इन पैमानों में खुद को फिट करने के लिए सबकुछ करने लगते हैं, बाला की तरह |
फिल्म की डायलाग डिलीवरी हैं कमाल की
इस फिल्म में डायलॉग डिलीवरी बेहद शानदार हैं | सिर्फ एक्टर ही नहीं, लगभग हर किरदार के मुंह से निकले शब्द मिस नहीं किए जा सकेंगे | दिलचस्प है कि आयुष्मान खुराना, राजकुमार राव जैसे एक्टर्स ने अपनी फिल्मों से अब ‘कंटेंट ड्रिवन फिल्मों’ और ‘मसाला’ फिल्मों के बीच की लकीर पूरी तरह मिटा दी है | बाला एक मजेदार एंटरटेनिंग फिल्म है, जिसमें खूब मसाला है और खूब सारा कंटेंट | अमर कौशिक ने ‘कान्हेपुर’ (कानपुर) का सुर शानदार तरीके से पकड़ा है इसलिए इस फिल्म को देख कर काफी मजा आएगा |
फिल्म में सभी कलाकारों ने किया हैं शानदार प्रदर्शन
फिल्म के तीनों मुख्य किरदारों की बात करें तो आयुष्मान इस बार भी दिल जीतते हैं | वो अपने रोल में इतने कंवेंसिंग हैं कि आप उनकी तकलीफ, उनके दर्द से खुद को जुड़ा महसूस करते हैं | भूमि भी अपने किरदार में शानदार हैं | यामी गौतम का किरदार काफी मजेदार है और उन्होंने अपने करेक्टर को आखिर तक पकड़ा हुआ है | खासकर जब टिक-टॉक की दुनिया में जीने वाली लखनऊ की परी (यामी) अपने पति की असलीयत पता चलने पर पंजाबी में ‘हायो रब्बा’ कहकर रोने लगती है | इस फिल्म के बैकग्राउंड स्कोर के लिए भी तारीफ बनती है और खासकर जब बाला अपने बालों पर विग लगाता है, तब का म्यूजिक जबरदस्त है |
यह फिल्म थिएटर में देखने लायक हैं | यह फिल्म आपको कहीं बोर नहीं करेगी | आयुष्मान की यह फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं | आप सभी को भी इस फिल्म को देखने जाना चाहिए और मूवी का लुत्फ़ उठाना चाहिए |