16 सौ वर्ग फीट में उभरेगा प्रभु राम और मां शबरी का प्रसंग, 3D इफेक्ट्स वाली मूर्तियां होंगी खास
अयोध्या की दिवाली, जगमगाएंगे 9.50 लाख दीप:
दीपोत्सव के मुख्य पर्व पर नौ लाख 50 हजार दीपक एक साथ जलाने के लिए राम की पैड़ी के 32 घाटों का रेखांकन शुरु
अयोध्या में एक नवंबर से शुरू हो रहे 5वें दीपोत्सव की तैयारियां जोरो पर हैं। इस बार 32 घाटों पर 9.50 लाख दीप जलाने का टारगेट रखा गया है। पिछले साल 5.51 लाख दिए जलाकर गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराकर दीपोत्सव का कीर्तिमान बनाया गया था। इस बार भगवान राम से जुड़ी कई तरह-तरह की मन मोहक कलाकृति बनाई जा रही हैं।
इसमें प्रभु राम को बेर खिला रहीं शबरी माता का प्रसंग खास होगा। यह 1600 वर्ग फिट विशाल होगा। थ्री डी इफेक्ट्स वाली रामकथा से जुड़ी 21 मूर्तियां और 11 रंगोली भी दीपोत्सव का आकर्षण होंगी। अवध यूनिवर्सिटी के फाइन आर्ट डिपार्टमेंट को दीपोत्सव का जिम्मा सौंपा गया है।
ले आउट व प्रिंट तैयार किया जा चुका है। 150 कलाकारों की टीम इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए तत्पर है। जबकि दीप जलाने के लिए 12 हजार वालंटियर की टीम गठित की गई है। महोत्सव का मुख्य पर्व तीन नवंबर को है जिसे देखने के लिए लाखों लोग लालायित हैं।
5वें दीपोत्सव के लिए सज रही राम की पैड़ी, जो बनेगी आकर्षण का केंद्र
पिछले साल सजा था राम दरबार
अवध विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉक्टर सरिता द्विवेदी ने बताया कि हम लोगों ने 2020 में खुद ही रिकॉर्ड बनाया और खुद तोड़ने जा रहे हैं। हमने दीपकों को लगाकर पिछले साल राम दरबार बनाया था जो कि पूरे विश्व में पसंद किया गया है।
समन्वयक विनोद श्रीवास्तव की देखरेख में चल रहा रेखांकन
फाइन आर्ट विभाग की टीम को मिला ये टारगेट
इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट के प्रोफेसर फाइन आर्ट के समन्वयक विनोद श्रीवास्तव ने कहा कि हर साल की तरह इस बार भी अवध विश्वविद्यालय अपना ही रिकॉर्ड तोड़ेगा। इसमें फाइन आर्ट की तरफ से 150 बच्चे तरह-तरह की कलाकृति चित्रण व मन मोहक रंगोली का कार्य प्रस्तुत करेंगे व 12000 वालंटियर दीप प्रज्वलित करने का कार्य करेंगे। भव्य व दिव्य दीपोत्सव को मन मोहक व सुंदर बनाने का कार्य करेंगे अच्छे दृश्य को प्रस्तुत करेंगे।
अयोध्या में 5वें दीपोत्सव की तैयारी के लिए राम की पैड़ी के घाटों पर पहुंचे वालंटियर
सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास की दिखेगी झलक
समन्वयक विनोद श्रीवास्तव ने कहा हम लोगों ने इसे इस बार की जो कथा चुनी है वह माता शबरी जी प्रसंग पर आधारित है। जिस प्रकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा था सबका साथ -सबका विकास, सबका विश्वासl उसमें हम शबरी जी के कथा प्रसंग को 40 बाई 40 फिट और दीपकों से उभारेंगे। उसमें रंगोली भी रामकथा से रिलेटिव होंगी l थीम राम जी से जुड़ी होगी।
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