अयोध्या: भक्तों के लिए दिसंबर 2023 तक खुल जाएगा राम मंदिर, 2025 में पूरा होगा काम
नई दिल्ली. मंदिर (Mandir) का मुख्य परिसर खुलने के बाद भारत (India) समेत दुनियाभर के श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकेंगे. राम मंदिर ट्रस्ट से जुड़े सूत्रों ने बताया कि हम दिसंबर 2023 तक मुख्य गर्भगृह (गर्भगृह) और मंदिर की पहली मंजिल को पूरा करने की उम्मीद कर रहे हैं. इससे भक्तों को राम लला के दर्शन करने और पूजा करने में मदद मिलेगी.
सूत्रों के मुताबिक राम मंदिर निर्माण के लिए देशभर से कारसेवकों अयोध्या (Ayodhya) में बन रहे भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) का काम 2025 में पूरा होगा, लेकिन श्रद्धालुओं के लिए इसे दिसंबर 2023 में खोल दिया जाएगा. द्वारा एकत्र की गई ईंटों का उपयोग मंदिर के निर्माण में नहीं किया जाएगा. अयोध्या में विहिप द्वारा संचालित कार्यशाला कारसेवकपुरम् के 70 प्रतिशत नक्काशीदार पत्थरों का ही उपयोग मंदिर निर्माण में किया जाएगा. बताया जा रहा है कि राम मंदिर परिसर का मुख्य मंदिर पूरी तरह से पत्थर का बनेगा. इसलिए मंदिर के निर्माण में दान में आए पत्थरों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. मंदिर निर्माण से जुड़े सूत्रों के मुताबिक हम इन ईंटों से जुड़ी भावना को देखते हुए उनके महत्व से अच्छी तरह से समझते हैं. ऐसे में हम दान में मिली इन ईटों को इस्तेमाल मंदिर परिसर में कहीं और करेंगे.
सूत्रों के मुताबिक मंदिर निर्माण के लिए 70 प्रतिशत से अधिक पुरानी नक्काशी का उपयोग नहीं किया जा सकेगा, क्योंकि मंदिर की मजबूती के लिए इसका डिजाइन कुछ अलग तरीके से किया गया है. बता दें कि राम मंदिर निर्माण समिति की अध्यक्षता पीएम के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा कर रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए ताजा पत्थर राजस्थान के बंशी पहाड़पुर से लाए जा रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि जंग के डर से मंदिर के ढांचे पर स्टील का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. इसकी जगह तांबे का इस्तेमाल किया जाएगा.
एक सूत्र ने कहा कि कुछ लोगों का मानना है कि मंदिर स्थल पर ज्यादा काम नहीं हो रहा है और जमीनी स्तर पर अभी तक कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है लेकिन तथ्य यह है कि मंदिर की मजबूत नींव रखने के लिए 12 मीटर तक खुदाई करनी पड़ी थी. जगह के इतिहास के कारण मिट्टी उस स्तर तक अस्थिर थी. सूत्र ने बताया, 70 लाख क्यूबिक फीट मिट्टी निकालनी पड़ी. लार्सन एंड टुब्रो निर्माण एजेंसी है और वह मंदिर की संरचना को आधुनिक के साथ साथ प्राचीन और पारंपरिक विशेषताओं से लैस करेगी जिससे की मंदिर की आयु लंबी हो सके.
मंदिर निर्माण में आएगी 1000 करोड़ की लागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन किया था. मंदिर का पूरा परिसर 2025 के अंत तक बनकर तैयार हो सकता है और इसमें करीब 1000 करोड़ रुपये की लागत आ सकती है. मंदिर ट्रस्ट को पहले से ही करीब 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा मिल चुका है. मंदिर का पूरा परिसर 110 एकड़ के इलाके में होने का अनुमान है, जो लगभग 67 एकड़ के मूल क्षेत्र से काफी बड़ा है, ट्रस्ट मौजूदा परिसर के आसपास ज्यादा भूमि का अधिग्रहण कर रहा है.