अयोध्या: रामलला के मंदिर को भव्य बनाने की तैयारी, जानिए क्या होगा आकर्षण का केंद्र
अयोध्या. रामनगरी अयोध्या (Ayodhya) में भव्य राम मंदिर निर्माण (Ram Temple Construction) के लिए काम तेजी से चल रहा है. पत्थरों को तराशने का कार्य जारी है. बताया जा रहा है कि ‘पिंक पत्थर’ पर बनाई गई कलाकृति श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र होगी. संपूर्ण मंदिर में 3 लाख 60 हजार घनफुट पत्थर का इस्तेमाल होगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 2023 तक का समय कार्यदाई संस्थाओं को दिया है. राम मंदिर ट्रस्ट का दावा है की 2023 के आखिरी में रामलला गर्भग्रह में बैठकर के राम भक्तों को दर्शन देंगे. जिसके लिए मंदिर निर्माण की तैयारियां तेजी के साथ की जा रही हैं. राम मंदिर निर्माण के लिए रामलला के मंदिर की बुनियाद भरने का काम 20 लेयर तक पूरा हो चुका है. 44 लेयर भरे जाने के बाद बेस प्लिंथ का निर्माण किया जाएगा.
यह काम भी अब जल्द ही शुरू होने वाला है लेकिन मंदिर का निर्माण राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से आए पिंक स्टोन से किया जाएगा लगभग 1 लाख घनफुट पत्थर मंदिर निर्माण के निमित्त तराशी करके तैयार कर लिए गए हैं. संपूर्ण मंदिर के निर्माण में 3 लाख 60 हजार घनफुट पत्थरों की आवश्यकता है. संपूर्ण मंदिर में 4 तरह के पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा. बेस में मिर्जापुर के बलुआ पत्थर तो बेस के बाहरी दीवारों पर ग्रेनाइट पत्थर का इस्तेमाल किया जाएगा. साथ ही मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के खदान से आए पिंक स्टोन का इस्तेमाल किया जाएगा.
70 एकड़ को किया जाएगा विकसित
पिछले दिनों राम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण समिति की एक अहम बैठक हुई थी. जिसमें 2023 तक रामलला के गर्भ ग्रह को बनकर तैयार किए जाने की स्थिति श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने स्पष्ट की थी. चंपत राय ने कहा था कि 2025 तक संपूर्ण 70 एकड़ जो राम जन्म का परिसर है, उसको विकसित किया जाएगा.