Ayodhya , “रामलला के आंगन में आस्था की नई शुरुआत”

Ayodhya में रामलला के स्थापना दिवस की पहली वर्षगांठ के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। यह दिन भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है,

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Ayodhya में रामलला के स्थापना दिवस की पहली वर्षगांठ के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। यह दिन भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जब 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री ने भव्य राम मंदिर के शिलान्यास के बाद रामलला के गर्भगृह में विधिवत स्थापना की। इस ऐतिहासिक क्षण को देशभर के करोड़ों राम भक्तों ने अपनी भावनाओं से जोड़ा।

राम मंदिर निर्माण: एक गौरवशाली यात्रा

राम मंदिर का निर्माण देश के सबसे बड़े सांस्कृतिक आंदोलन में से एक माना जाता है। दशकों की प्रतीक्षा और संघर्ष के बाद जब सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2019 में अयोध्या विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया, तब यह तय हो गया कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा।

  • भूमि पूजन और शिलान्यास: 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन किया।
  • रामलला की स्थापना: ठीक एक वर्ष बाद, गर्भगृह में रामलला की मूर्ति को विधिवत स्थापित किया गया।

प्रधानमंत्री का संदेश: आस्था और एकता का प्रतीक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कहा कि रामलला का यह मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भारत की आस्था, एकता और समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने यह भी कहा कि राम मंदिर का निर्माण भारत के गौरवशाली इतिहास को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर सद्भाव, प्रेम और मानवता के आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा दी, जो भगवान राम के जीवन के मूल संदेश हैं।

Ayodhya : एक विश्वस्तरीय धार्मिक पर्यटन स्थल

राम मंदिर के निर्माण के साथ ही Ayodhya को विश्वस्तरीय धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।

  1. भव्य राम मंदिर के साथ-साथ पूरे क्षेत्र में कई अन्य परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें सड़क, रेल और हवाई संपर्क को बेहतर बनाया जा रहा है।
  2. सरयू नदी के किनारे घाटों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।
  3. धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय संरक्षण की दिशा में भी कई योजनाएं क्रियान्वित हो रही हैं।

श्रद्धालुओं में उत्साह

रामलला की स्थापना दिवस पर अयोध्या में भक्तों का भारी उत्साह देखने को मिला। बड़ी संख्या में श्रद्धालु गर्भगृह में रामलला के दर्शन करने पहुंचे। मंदिर परिसर को दीपों और फूलों से सजाया गया, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
श्रद्धालुओं ने आरती और भजन-कीर्तन में भाग लेकर भगवान राम के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की।

रामलला: भारत की आत्मा के प्रतीक

भारत में भगवान राम केवल एक धार्मिक व्यक्तित्व नहीं हैं, बल्कि वे मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में जीवन के आदर्श माने जाते हैं।

  • धर्म, मर्यादा और न्याय के प्रतीक भगवान राम का चरित्र भारतीय समाज में हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा स्रोत है।
  • राम मंदिर का निर्माण न केवल एक धार्मिक स्थल की पुनर्स्थापना है, बल्कि यह भारत की आत्मा और संस्कृति का पुनर्जागरण भी है।

आगे की योजनाएं

अयोध्या को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है।

  • रामायण सर्किट का निर्माण किया जा रहा है, जो अयोध्या के साथ-साथ भगवान राम से जुड़े अन्य धार्मिक स्थलों को भी जोड़ता है।
  • मंदिर के निर्माण के लिए देशभर से दान और सहयोग मिल रहा है, जिससे यह परियोजना एक जन आंदोलन का रूप ले चुकी है।

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रामलला के स्थापना दिवस की पहली वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश न केवल Ayodhya बल्कि पूरे देश के लिए एक सांस्कृतिक प्रेरणा है। यह मंदिर आने वाली पीढ़ियों के लिए एक धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर होगा, जो उन्हें राम के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा देगा।
इस अवसर ने यह साबित किया कि जब देशवासियों की आस्था एकजुट होती है, तो हर असंभव कार्य भी संभव हो जाता है। अयोध्या में रामलला के विराजमान होने के साथ एक नए युग की शुरुआत हो चुकी है।

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