Assam कोयला खदान हादसा: 8 मजदूरों की तलाश जारी, संयुक्त बचाव अभियान में मिली एक शव

Assam : उमरंगसो क्षेत्र के 3 किलो इलाके में एक कोयला खदान में फंसे 9 मजदूरों में से एक का शव बरामद कर लिया गया है,

डिमा हसाओ, Assam : उमरंगसो क्षेत्र के 3 किलो इलाके में एक कोयला खदान में फंसे 9 मजदूरों में से एक का शव बरामद कर लिया गया है, जबकि बाकी 8 मजदूरों की तलाश के लिए भारतीय सेना, असम राइफल्स, NDRF, SDRF और अन्य एजेंसियों का संयुक्त बचाव अभियान लगातार जारी है। यह हादसा 6 जनवरी, 2025 को हुआ था, जिसके बाद से प्रशासन ने बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है।


कैसे हुआ हादसा?

यह हादसा उमरंगसो के 3 किलो इलाके में स्थित एक अवैध कोयला खदान में उस समय हुआ, जब 9 मजदूर खदान के अंदर काम कर रहे थे। खदान की कमजोर संरचना और भारी बारिश के कारण खदान का एक हिस्सा धंस गया, जिससे मजदूर अंदर फंस गए।

स्थानीय लोगों के अनुसार, इस खदान में लंबे समय से अवैध खनन का कार्य चल रहा था। प्रशासन को पहले भी इसके बारे में सूचित किया गया था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।


Assam संयुक्त बचाव अभियान जारी

Assam हादसे के बाद से ही भारतीय सेना, असम राइफल्स, NDRF और SDRF की टीमें लगातार बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में आधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन खदान की संकरी सुरंगें और गहरी खुदाई के कारण बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं।

NDRF के कमांडर ने बताया कि खदान के अंदर ऑक्सीजन की कमी और मलबा हटाने में आने वाली कठिनाइयों के कारण अभियान धीमी गति से चल रहा है। हालांकि, बचाव दल मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।


Assam एक मजदूर का शव बरामद

बचाव अभियान के दौरान एक मजदूर का शव बरामद कर लिया गया है। प्रशासन ने शव की पहचान के लिए पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया है। शेष 8 मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू टीम दिन-रात काम कर रही है।

मृतक मजदूर के परिजनों को प्रशासन द्वारा आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है। वहीं, बाकी मजदूरों के परिजनों को सुरक्षित बचाव का भरोसा दिलाया गया है।


प्रशासन और सरकार की प्रतिक्रिया

हादसे के बाद असम सरकार ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। प्रशासन ने कहा कि अवैध खनन में लिप्त खदान मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में अवैध खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।


अवैध खनन पर उठ रहे सवाल

यह हादसा राज्य में चल रहे अवैध खनन की एक भयावह तस्वीर पेश करता है। पिछले कुछ वर्षों में असम के कई क्षेत्रों में अवैध खनन के कारण बड़े हादसे हुए हैं, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के चलते इस पर रोक नहीं लग पाई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय रहते इन खदानों को बंद कर दिया जाता, तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता था।

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उमरंगसो कोयला खदान हादसा असम के लिए एक बड़ा संकट बन गया है। जहां एक ओर बचाव दल मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए जी-जान से जुटा है, वहीं दूसरी ओर सरकार को अवैध खनन पर सख्ती से रोक लगाने की आवश्यकता है। फिलहाल सभी की नजरें रेस्क्यू ऑपरेशन पर टिकी हैं, और पूरा देश मजदूरों के सकुशल बाहर निकलने की प्रार्थना कर रहा है।

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