“Asmi” पिस्तौल का सेना में स्वागत: 550 पिस्तौल सेना के बेड़े में शामिल
"Asmi" नाम दिया गया है। यह पिस्तौल पूरी तरह से मेड इन इंडिया है और भारतीय सेना की ताकत को और बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी।
भारतीय सेना ने अपने बेड़े में एक नई और अत्याधुनिक पिस्तौल को शामिल किया है, जिसे “Asmi” नाम दिया गया है। यह पिस्तौल पूरी तरह से मेड इन इंडिया है और भारतीय सेना की ताकत को और बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी। सेना के अधिकारियों ने इसकी विशेषताओं की सराहना करते हुए इसे आतंकवाद विरोधी अभियान और विशेष सुरक्षा कार्यों के लिए एक शक्तिशाली हथियार बताया है।
“Asmi” पिस्तौल की विशेषताएं
“Asmi” पिस्तौल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह एक बार में 30 राउंड फायर करने में सक्षम है। यह उच्च क्षमता वाली पिस्तौल आतंकवादियों और शत्रु की गतिविधियों का मुकाबला करने में सेना के लिए एक बड़ी सहायक साबित होगी। इसकी उच्च फायरिंग क्षमता और सटीकता इसे किसी भी ऑपरेशनल स्थिति में उपयोगी बनाती है। इसके अलावा, यह पिस्तौल भारतीय रक्षा उद्योग द्वारा पूरी तरह से निर्मित है, जो “मेड इन इंडिया” पहल का हिस्सा है और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एक बार में 33 राउंड फायर करने की क्षमता
“Asmi” पिस्तौल की क्षमता को और भी प्रभावी बनाता है इसका 33 राउंड फायर करने की क्षमता। इस पिस्तौल को डिज़ाइन किया गया है ताकि यह खासकर कठिन परिस्थितियों में, जैसे आतंकवादी ऑपरेशनों में, प्रभावी ढंग से कार्य कर सके। उच्च राउंड फायरिंग क्षमता के कारण यह पिस्तौल सैनिकों को किसी भी स्थिति में अपने हथियार का पूरी तरह से उपयोग करने की स्वतंत्रता देती है।
मेड इन इंडिया और आत्मनिर्भरता
“Asmi” पिस्तौल का निर्माण भारतीय रक्षा उद्योग द्वारा किया गया है, और यह सरकार की आत्मनिर्भर भारत अभियान का हिस्सा है। इस पिस्तौल के निर्माण से भारत को अपनी सैन्य जरूरतों के लिए विदेशी आपूर्ति पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही, यह भारतीय रक्षा क्षेत्र में तकनीकी विकास को प्रोत्साहित करता है और देश के सुरक्षा उपकरणों के उत्पादन में स्वदेशी उत्पादन की क्षमता को बढ़ाता है।
लेफ्टिनेंट जनरल एम. वी सुचिंद्र कुमार की समीक्षा
लेफ्टिनेंट जनरल एम. वी सुचिंद्र कुमार ने “अस्मि” पिस्तौल की समीक्षा करते हुए कहा कि यह हथियार भारतीय सेना के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने इस पिस्तौल की उच्च क्षमता और डिजाइन की तारीफ की, और कहा कि यह सैनिकों को ज्यादा ताकत और सुरक्षा प्रदान करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पिस्तौल के निर्माण में भारतीय उद्योगों द्वारा की गई मेहनत और विकास सराहनीय है।
भारतीय सेना की ताकत में वृद्धि
“Asmi” पिस्तौल का सेना के बेड़े में शामिल होना भारतीय सेना के हथियारों और उपकरणों में विविधता और शक्ति जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह पिस्तौल आतंकवाद और अन्य सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए सेना को और भी सशक्त बनाएगी।
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“अस्मि” पिस्तौल का भारतीय सेना के बेड़े में शामिल होना भारतीय रक्षा क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि सेना की ताकत और संचालन क्षमता को भी बढ़ाता है। इसकी फायरिंग क्षमता और डिजाइन सेना के लिए आतंकवाद और अन्य खतरों से निपटने में एक प्रभावी उपकरण साबित होगा।