अश्वनी शर्मा ने राज्य की कैप्टन अमरिंदर सिंह पर लगाया आरोप

पंजाब प्रदेश भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने राज्य की कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर सत्ता के बल पर सरकारी तंत्र का दुरूपयोग कर निकाय चुनावों में जीत हासिल करने का आरोप लगाया है।
शर्मा ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी और इसके कार्यकर्ताओं ने विपरीत परिस्थितियों में जिस तरह से चुनाव लड़ा वह सराहनीय है। पार्टी कार्यकर्त्ता निकाय चुनावों में सरकार, प्रशासन और गुंडातत्वों से अकेला लड़ा तथा भविष्य में अब वह किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता अडिग हैं और वे इन सब से डरने वाले नहीं है। पार्टी ने इतने विरोध के बाद भी अपने दम पर सीटें जीती हैं जो एक अच्छा प्रदर्शन है। इस अवसर पर उनके साथ राष्ट्रीय प्रवक्ता इकबाल सिंह लालपुरा, प्रदेश भाजपा महासचिव जीवन गुप्ता और डॉ. सुभाष शर्मा भी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने, मंत्रियों, नेताओं और कार्यकर्ताओं को किसानों के नाम पर कथित तौर पर गुंडागर्दी करने तथा धक्केशाही करने की खुली छूट दे रखी थी जिसके बारे में पार्टी ने समय-समय पर पुलिस महानिदेशक, राज्य चुनाव आयाेग तथा पंजाब के राज्यपाल से भी मिल कर इन्हें इस परिस्थितियों से अवगत कराया लेकिन बावजूद काेई भी कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने सवाल किया कि भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के घरों के बाहर कांग्रेस समर्थित तत्वों के लगातार धरने-प्रदर्शन, उनके समेत पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमले, भाजपा कार्यालयों और कार्यक्रमों में पुलिस की मौजूदगी में तोड़फोड़ और हमले इसमें पुलिस का कथित तौर पर प्रदर्शनकारी का साथ देना और लोकतंत्र की हत्या करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं को किसान आंदोलन के नाम पर निकाय चुनाव के प्रचार से रोकना तथा उनके कार्यालयों में जबरन घुस कर तोड़-फोड़ करना कहाँ का लोकतंत्र है?
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस सत्ता के बल पर सरकारी तंत्र का दुरूपयोग कर निकाय चुनाव जीत कर अपनी पीठ थपथपा रही है और सभी जानते हैं कि राज्य में इस पार्टी ने कैसे चुनाव जीता है। जनता कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में अपने वोट की ताकत से इसका जबाव देगी।