कोरोना संकट के बीच राजस्थान में जारी सियासी उठापटक, CM गहलोत ने BJP पर लगाया खरीद-फरोख्त का आरोप
कोरोना संकट के बीच राजस्थान में सियासी चर्चाएं बढ़ गई हैं। राजस्थान में कांग्रेस सरकार बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगा रही है। अशोक गहलोत सरकार ने बीजेपी पर राज्यसभा चुनावों में समर्थन पर विधायकों को का प्रलोभन देने का आरोप लगाया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि बीजेपी मध्य प्रदेश वाला खेल खेल रही है। जिसके बाद राजस्थान सरकार ने अपने सभी विधायकों को राजस्थान के एक रिसॉर्ट में शिफ्ट कर दिया है।
बता दें कि कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों के साथ बैठक के बाद देर रात मीडिया से बातचीत में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि खरीद फरोख्त के लिए जयपुर में करोड़ों-अरबों रुपए ट्रांसफर हो रहे हैं। ये पैसे कौन भेज रहा है। विधायकों को एडवांस देने की बातें हो रही हैं। इसीलिए महेश जोशी ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है। ये लोग लोकतंत्र का मुखौटा पहनकर राजनीति कर रहे हैं। गहलोत ने कहा कि इनका लोकतंत्र में यकीन नहीं है। ये फासिस्ट लोग हैं। पहले भी जनप्रतिनिधित्व कानून में संशोधन हुए हैं, लेकिन कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेते हैं।
सीएम गहलोत ने बताया कि, ‘कैश बड़े रूप में जयपुर में पहुंच चुका है। इस तरह की सूचना थी कि ये मध्य प्रदेश वाला खेल यहां खेलेंगे। एमपी में जो कांग्रेस विधायक बीजेपी में गए वे क्षेत्र में नहीं घुस पा रहे हैं। लोग कहते हैं तुम तो 25 करोड़ में बिके हुए लोग हो। किस मुंह से वापस आए हो। बीजेपी वाले अब उन्हें टिकट नहीं दे रहे, क्योंकि बीजेपी कैडर विरोध कर रहा है. वहां इसीलिए कैबिनेट नहीं बन पा रही है।’ उन्होंने कहा कि वही खेल यहां खेला जाने वाला था, लेकिन हमारे विधायक समझदार हैं। उन्हें खूब लालच लोभ देने की कोशिश की गई, लेकिन वे एकजुट हैं।
सीएम ने कहा कि मुझे गर्व इस बात का है कि छह बसपा विधायक साथ आए हैं। 13 निर्दलीय विधायक भी आए हैं। राजस्थान पहला राज्य है जहां एक रुपए का सौदा नहीं हुआ। कोई पद का लालच नहीं दिया गया। यह सब राजस्थान की धरती पर होता है। मुझे इस बात का गर्व है कि उस धरती का मुख्यमंत्री हूं जहां के लाल बिना सौदेबाजी के सरकार के स्थायीत्व के लिए साथ देते हैं। साथ ही गहलोत ने कहा कि दो माह पहले राज्यसभा चुनाव हो जाते, लेकिन गुजरात और राजस्थान मेंं खरीद फारोख्त पूरी नहीं हो पाई थी। इसलिए चुनाव आगे खिसकवाया। आपने लोकतंत्र की धज्जियां उड़वा दी। चुनाव आयोग पर दबाव बनाकर चुनाव स्थगित करवा दिए। आज आप देख लीजिए वही कोरोना चल रहा है। क्या तुक था उस समय चुनाव स्थगित करवाने का।