आर्यन खान का ग्लोबल ड्रग्स नेटवर्क के लोगों से संपर्क- जानें ड्रग्स केस में एनसीबी ने कोर्ट से क्या-क्या कहा
मुंबई. मुंबई ड्रग्स मामले में आज विशेष अदालत में आर्यन खान समेत सात आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही है. बुधवार को नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने कोर्ट को बताया है कि आर्यन इंटरनेशनल ड्रग नेटवर्क में शामिल लोगों के संपर्क में थे. साथ ही ही एनसीबी ने यह भी कहा है कि वे अपने दोस्त अरबाज मर्चेंट से ड्रग्स हासिल करते थे. मजिस्ट्रेट कोर्ट की तरफ से क्षेत्राधिकार का हवाला देकर खारिज किए जान के बाद याचिका को विशेष अदालत में लाया गया था. साथ ही कहा जा रहा था कि नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने मामले से जुड़े कुछ सबूत हासिल किए हैं. इधर, आर्यन के वकील सतीश मानशिंदे लगातार एनसीबी हिरासत का विरोध कर रहे हैं.
2 अक्टूबर को कोर्डेलिया शिप पर हुई कार्रवाई के बाद एनसीबी ने शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान समेत कई लोगों को हिरासत में लिया था. आर्यन के अलावा गिरफ्तार हुआ आरोपियों में अरबाज सेठ मर्चेंट, मुनमुन धमेचा, विक्रांत चोकर, इश्मीत सिंह, नुपुर सारिका, गोमित चोपड़ा और मोहक जयसवाल का नाम भी शामिल है.
एनसीबी ने कोर्ट को बताया
आर्यन खान अपने दोस्त अरबाज मर्चेंट से ड्रग्स हासिल करते थे. मर्चेंट को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है.
आर्यन खान ड्रग्स खरीदन के लिए ‘इंटरनेशनल ड्रग नेटवर्क’ में शामिल लोगों के संपर्क में हैं.
वे सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं, गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. एनसीबी ने बताया कि खान समाज में प्रभावशाली हैं.
क्रूज रेड की सीसीटीवी फुटेज को लेकर एनसीबी ने कहा कि ऐसी मांग जांच पर प्रतीकूल असर डालेगी.
एनसीबी ने कहा कि झूठे फंसाए जाने के आरोप गलत और गुमराह करने वाले हैं
सीसीटीवी फुटेज की प्रासंगिकता को ट्रायल के समय देखा जाएगा.
इससे पहले आर्यन के वकील सतीश मानशिंदे लगातार यह कह चुके हैं कि उन्हें ‘झूठा फंसाया गया’ था और चूंकि उनके पास से कोई भी नशीला पदार्थ बरामद नहीं हुआ, तो एनसीबी के पास उन्हें हिरासत में रखने का कोई अधिकार नहीं है. अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा की तरफ से अदालत पहुंचे वरिष्ठ वकील तारेक सैयद ने कहा था कि जब आरोपी पूरा जहाज ही खरीद सकते हैं, तो वे वहां पर 5 ग्राम चरस बेचने क्यों जाएंगे.
NCB अधिकारी ने लगाए थे आरोप
एनसीबी सूत्रों के मुताबिक, एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने आरोप लगाए हैं कि कुछ लोग उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहे थे. उन्हें बताया जा रहा है कि उन्होंने महाराष्ट्र पुलिस प्रमुख से मिलकर इस बात की शिकायत की है. इधर, सरकार ने वानखेड़े को ट्रेक करने की बात से इनकार कर दिया है. वानखेड़े ने 3 अक्टूबर को क्रूज शिप पर हुई छापामार कार्रवाई की अगुवाई की थी.