अरविंद केजरीवाल रविवार को पहुंचेंगे उत्तराखंड? क्या करेंगे कोई बड़ा ऐलान?
देहरादून. आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार को उत्तराखंड का एक और दौरा कर सकते हैं. अगले साल मार्च के महीने में संभावित उत्तराखंड विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र इस दौरे के कयास हैं. कहा जा रहा है कि इस दौरे पर आकर केजरीवाल कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं जैसा कि उन्होंने अपने पिछले दौरे पर किया था. जुलाई में जब केजरीवाल उत्तराखंड पहुंचे थे, तब राज्य की जनता से उन्होंने कहा था कि उत्तराखंड में आप की सरकार आई तो 300 यूनिट तक बिजली फ्री दी जाएगी.अगर उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी सत्ता में आई तो क्या करेगी? इस बारे में किसी बड़े ऐलान के लिए केजरीवाल रविवार यानी 8 अगस्त को उत्तराखंड पहुंच सकते हैं. केजरीवाल की पार्टी की चुनावी रणनीति से संबंध रखने वाले एक सूत्र के हवाले से एचटी ने यह खबर देते हुए बताया कि आम आदमी पार्टी की उत्तराखंड चुनावी रणनीति तैयार है और केजरीवाल का यह दौरा इसी रणनीति का अहम हिस्सा है.
मुख्यमंत्री चेहरे का ऐलान? आप के उत्तराखंड प्रमुख एसएस कलेर बता चुके हैं कि केजरीवाल रणनीति के तहत हर महीने उत्तराखंड के दौरे पर आएंगे और हर बार कोई न कोई अहम ऐलान करेंगे. इस महीने के दौरे के समय इस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि केजरीवाल यह घोषणा कर सकते हैं कि आप की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री कौन बनाया जाएगा. हालांकि इस बारे में सेना के रिटायर्ड कर्नल और आप के नेता अजय कोठियाल का नाम आगे चल रहा है क्योंकि पिछले दिनों दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने इस तरह के संकेत दिए थे.
जुलाई में उत्तराखंड दौरे पर केजरीवाल के ऐलान के बाद आप की प्रदेश इकाई ने अपने 10 हज़ार कार्यकर्ताओं के ज़रिये घर घर जाकर ‘केजरीवाल मुफ्त बिजली गारंटी कार्ड’ बांटा. सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में घरों तक आप पार्टी पहुंची और इस कार्ड के ज़रिये सबसे कहा कि मुफ्त बिजली के लिए ‘गारंटी कार्ड’ पाने के लिए रजिस्टर करें क्योंकि आप अगर सत्ता में आई तो अपना वादा निभाएगी.केजरीवाल के ऐलानों को भाजपा और कांग्रेस नकारते हुए सिर्फ राजनीतिक बयानबाज़ी करार दे रही हैं, तो दूसरी तरफ कलेर का कहना है कि ये सिर्फ घोषणाएं नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी के वादे हैं, जिन्हें 2022 में सरकार बनने के बाद निभाया जाएगा. कलेर ने यह भी कहा, ‘केजरीवाल हर महीने बड़े ऐलान करने वाले हैं, जो पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सुविधाओं से जुड़े मुद्दों पर आधारित होंगे.’