कैप्टन के बचाव में अरूसा आलम, आरोप लगाने वालों को बताया ‘राजनीतिक अनाथ’
चंडीगढ़. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) की पाकिस्तानी पत्रकार महिला मित्र अरूसा आलम (Aroosa Alam) को लेकर पंजाब की सियासत में बवाल मचा हुआ है. अरूसा आलम पर आईएसआई एजेंट (ISI agent) होने के आरोप लगाए जा रहे हैं. सफाई में अमरिंदर सिंह ने बीते सोमवार को आलम की देश के गणमान्य व्यक्तियों के साथ 14 तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की. इस घटनाक्रम के बाद अरूसा आलम ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक साक्षात्कार में कहा है कि ‘मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि अमरिंदर ने मुझे इस पूरी दुनिया में अपना दोस्त बनाने के लिए चुना है … हमारा मानसिक और आईक्यू स्तर बहुत समान है।’
आईएसआई एजेंट होने पर क्या कहा
इस्लामाबाद से टेलीफोन पर बातचीत के दौरान अरूसा ने अपने ऊपर लगे आईएसआई एजेंट होने के आरोपों को लेकर कहा कि मैं बहुत दुखी हूं, बहुत निराश हूं। मैं पिछले 16 साल से भारत आ रही हूं, हर साल मुझे एक साल का वीजा ड्यू क्लीयरेंस के बाद मिलता था. अरूसा ने कहा कि क्या आरोप लगाने वालों को लगता है कि रॉ के भी आईएसआई से हाथ मिले हुए हैं. आपकी आईबी, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां, भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार, कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार- क्या वे सभी आईएसआई पेरोल पर थीं जिनसे मुझे वीजा मिलता था?
मुझे इसमें क्यों घसीट रहे हैं?
यह तर्कहीन है, वास्तव में मुझे इन आरोपों की परवाह नहीं है. मैं अपने जीवन के उस पड़ाव पर हूं जहां मुझे इन चीजों की परवाह नहीं है, लेकिन उनकी राजनीति के स्तर को देखें. यही नहीं अरूसा ने आरोप लगाने वाले नेताओं से सवाल किए है कि आप इतना नीचे कैसे गिर सकते हो? कृपया जाकर लोगों के लिए कुछ काम करें, अगर आप सरकार में हैं तो मुझे इसमें क्यों घसीट रहे हैं? वह कहती हैं कि मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि उन्होंने कैप्टन साहब (अमरिंदर सिंह) को 18 सूत्री एजेंडा (लागू करने में उनकी विफलता) और इस तरह की चीजों के बहाने पंजाब के सीएम के पद से हटा दिया, लेकिन मूल विचार केवल उन्हें हटाने का था. और उसके बाद अब उन्हें इन बिंदुओं पर खुद पहुंचना बहुत मुश्किल हो रहा है.
क्या चन्नी के पास जादुई चिराग था
मैं इस सब पर प्रतिक्रिया दे रही हूं क्योंकि आज कैप्टन साहब फेसबुक पर आए और मेरे बारे में बात की, और मैंने सोचा कि मुझे इसकी सराहना करनी चाहिए. अरूसा ने कहा कि मेरी राय में उनके खिलाफ आरोप लगाने वाले लोग राजनीतिक अनाथ हैं। वे बौने हैं, उन्हें नहीं पता कि कैप्टन को हटाने के बाद अब क्या करना है. अब इनके हाथ, फूल गए हैं. कैप्टन साहब काफी अच्छा कर रहे थे. चन्नी साहब (पंजाब के सीएम चरणजीत चन्नी) अब चेक बांट रहे हैं और सरकारी योजनाओं को बढ़ावा दे रहे हैं. उन सभी प्रक्रियाओं की शुरुआत कैप्टन साहब ने की थी. क्या चन्नी के पास जादुई चिराग था जिसे उन्होंने रगड़ा और क्या ये सभी चेक रातों-रात बने हैं? क्या लाभार्थियों की सूची थी? अब वे नहीं जानते कि क्या करना है. वे एक गहराई से विभाजित घर हैं. अब कृपया अपनी लड़ाई अपने दम पर लड़ें, आप मुझे इस झंझट में क्यों घसीट रहे हैं?
ध्यान भटकाने का बेहतर तरीका
राजनीतिक घमासान में घसीटने के सवाल पर अरूसा ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि पंजाब सरकार में मौजूदा नेता कुछ नहीं कर पाए हैं. उन्होंने बिजली खरीद समझौते (पीपीए) और ऐसी कई चीजों को तुरंत रद्द करने के लंबे-चौड़े दावे किए थे लेकिन अब उन्हें इस मामले पर पकड़ बनाना बाकी है. पंजाब के लोगों का ध्यान भटकाने का इससे बेहतर तरीका और क्या हो सकता है.दूसरी बात कैप्टन साहब की इस घोषणा कि वह अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बनाने जा रहे हैं और बीजेपी के साथ गठजोड़ करने जा रहे हैं, इस बात ने उन्हें बहुत परेशान कर दिया है. मैं पूर्व (भारत की) पंजाब की राजनीति पर टिप्पणी नहीं करना चाहती, न ही मेरा कोई लिंक या मकसद है. लेकिन मैं देख रही हूं और अब जब उन्होंने मुझे इसमें घसीटा है, तो मैं केवल यही कहूंगी, ‘तेरे बंदर, तेरी सर्कस’.
सिद्धू की पत्नी के आरोपों का जवाब
पंजाब कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के रिश्वत लेने के आरोपों को लेकर उन्होंने कहा कि यह बहुत घटिया आरोप है. ‘वह कह रही है मैं भाग गई, मैं भागी नहीं नहीं हूं, मेरा वीजा समाप्त होने के बाद मैं पाकिस्तान आई थी और अब मैं इस्लामाबाद में अपने घर पर हूं. मोहतरमा नवजोत कौर सिद्धू के हाथों पर 60 निर्दोष व्यक्तियों का खून है.
अक्टूबर 2018 अमृतसर दशहरा ट्रेन त्रासदी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस हादसे में पटरियों पर खड़े 62 लोगों को एक ट्रेन ने कुचल दिया था. एक मजिस्ट्रेट जांच ने नवजोत कौर सिद्धू का नाम साफ कर दिया था, जो उस समारोह में मुख्य अतिथि थी. उन्हें दूसरों के बारे में बात करने और निराधार आरोप लगाने का क्या अधिकार है.
नवजोत सिंह सिद्धू से भी कोई लेना-देना नहीं
मेरा नवजोत सिंह सिद्धू से भी कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन हां वे स्पष्ट कारणों से अब मुझे निशाना बना रहे हैं. मुझे इस बात का अफ़सोस होता है.. की नवजोत सिद्धू साहब, जो सोचते हैं कि वह एक दिन मुख्यमंत्री के रूप में पंजाब का नेतृत्व कर सकते हैं, उनके कैप्टन अमरिंदर साहब से बात करने के तरीके को देखें, जो उनके पिता या दादा की उम्र के हैं. किस तरह उन से बात करते हैं… अगर आपके मन में किसी के लिए सम्मान नहीं है, तो आप नेता बनने के बारे में सोच भी कैसे सकते हैं? नवजोत सिंह सिद्धू सही मायने में नेता बनने में नाकाम रहे हैं. मैं उनसे एक बार मिल चुकी हूं और मेरे पास उनके साथ का एक फोटो भी है.
राजनीति का अब तक का सबसे निचला स्तर
उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव, अमर सिंह, पूर्व डीजीपी दिनकर गुप्ता और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा के परिवार के साथ ट्विटर पर फोटो के बारे अरूसा ने कहा कि यह राजनीति का अब तक का सबसे निचला और सबसे खराब स्तर है. पंजाब के डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा को देखिए. वह कितना अच्छे और सभ्य दिखते हैं, लेकिन देखें कि वह क्या बोलते हैं. इस फोटो युद्ध की कोई प्रासंगिकता नहीं है और किसी के साथ मेरी तस्वीरों का पंजाब सरकार या राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है.
रंधावा से एक या दो बार मिली हूं
अरूसा आलम ने बताया कि मैं मुस्तफा और उनकी पत्नी रजिया सुल्ताना (विधायक मलेरकोटला) से कई बार मिल चुकी हूं. वह मुझे बहन कहकर बुलाते थे, मैं रंधावा से एक या दो बार थोड़ी देर के लिए मिली हूं. मुस्तफा इसी गलतफहमी में हैं कि मैंने पंजाब के डीजीपी पद के लिए दिनकर गुप्ता को उन पर तरजीह दी. उन्हें लगता है कि मेरी वजह से वह पंजाब के डीजीपी नहीं बन पाए. लेकिन पंजाब सरकार के फैसले लेने वाली मैं कौन होती हूं? मैं कैप्टन साहब के मेहमान बनकर आया करती थी. पंजाब सरकार की बैठकों में जो कुछ हो रहा था, उससे मेरा क्या लेना-देना है? पंजाब में कुछ दिनों के प्रवास के दौरान मैं अतिथि कक्ष में रहती थी और अपने काम पर ध्यान केंद्रित करती थी.
कैप्टन अमरिंदर के साथ अपने संबंधों को ऐसे किया उजागर
कैप्टन अमरिंदर के साथ अपने संबंधों के बारे में अरूसा ने बताया कि हमारा मानसिक और आईक्यू लेवल काफी हद तक एक जैसा है. जब मैं कैप्टन साहब 2006 में मिले, तो मैं 50+ की थी और वह 60+ के थे, इसलिए यदि आप इसे प्रेम प्रसंग कहते हैं और इसे रोमांटिक एंगल देने की कोशिश करते हैं, तो यह बहुत गलत है. मैं बहुत खुशनसीब हूं कि उन्होंने मुझे इस पूरी दुनिया में अपना दोस्त बनाने के लिए चुना है. यह एक शुद्ध, सुंदर दोस्ती है. मुझे उनकी बागवानी और खाना पकाने का कौशल पसंद है और इसी तरह, उन्हें मेरी कुछ चीजें पसंद हैं जैसे कि मेरा लेखन आदि. इसलिए इन सभी वर्षों ने हमें बहुत अच्छे दोस्तों के रूप में एक साथ लाया है.
जब भी मैं भारत में होती हूं, मैं सिर्फ उनसे ही नहीं, बल्कि उनके परिवार, उनकी बहनों और जीजाओं, उनके बच्चों से भी मिलती हूं… मैडम महारानी साहिबा (प्रनीत कौर) के अलावा मैं सभी से मिलती हूं, वे मेरे पारिवारिक मित्र हैं. जैसे भारतीय हमेशा पाकिस्तान जाने को लेकर बहुत उत्साहित रहते हैं, वैसे ही हमें भी भारत घूमने का शौक था, और मैं अपने कई दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ जाती थी. चूंकि हम कैप्टन से अक्सर मिलते थे, इसलिए हम हमेशा उनसे वीजा के लिए स्पॉन्सरशिप लेते थे. इस तरह हमारी दोस्ती परवान चढ़ी.