डॉ प्रियंका पर जुल्म जारी है…..
डा.प्रियंका पर ज़ुल्म जारी है ..
डाक्टर प्रियंका रेड्डी की ह्रदयविदारक मौत के साथ संवेदनाओं की मौत और इंसानियत के बलात्कार की भी ख़बर आई है। डा. प्रियंका के साथ जो हुआ, उसपर दुख व्यक्त करने वाले समाज ने और भी दुखी कर दिया है। ये हत्या इंसानियत को शर्मसार करने वाली है। हम सब का दिल दहलाने वाली है। ये घटना डराने वाली है। आदमी के अंदर छिपे जंगली-दरिंदगी और हैवानों की तस्दीक़ करने वाली है। लेकिन इन सच्चाईयों के एहसास कहीं नजर नहीं आ रहे हैं।
सोशल मीडिया पर इस घटना पर पेश होने वाले रिएक्शन्स और भी डरावने हैं। हमारी प्रतिक्रियाएं बता रही हैं कि हमारे अंदार इस ज़ुल्म को अंजाम देने वाला जैसा ही हैवान है। हमारे अहसास शून्य हो गये हैं। बेटी और बहन जैसी इस महिला के साथ जो ज़ुल्म हुआ उसपर संवेदनाओं के छल पर ग़ौर कीजिए। कलेजा फाड़ देने वाली इस ह्दयविदारक हत्या पर दो ख़ेमों में बंटा समाज अपना अपना एजेंडा चलाने लगा। जो सरकार से एकतरफा नफरत करते हैं। जिन्हें सरकार.में बैठे लोग यानी भाजपा फूटे आंख नहीं भाती उनकी वो संवेदनाओं की आढ़ में सरकार को घेर रहे है। विरोधियो को सरकार के नारे- बेटी बचाव पर तंज करने का बहाना मिल गया। सोशल मीडिया पर कुछ लोग कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर हमलावर होने लगे।
हम अपने अंदर और अपने समाज के भीतर पनप रही हैवानियत पर ग़ौर.नहीं कर रहे। डाक्टर प्रियंकी की दर्दनाक हत्या की धर्म और.जाति के चशमे से देखा जा रहा है। हिन्दू-मुस्लिम और बड़ी जाति और छोटी जाति की बातें हो रही है। फिकरे कसे जा रहे हैं- प्रियंका फलां जाति की होती तो फलां जाति का समाज मोमबत्तियां लेकर.निकल पड़ा होता। एक तब्का इस हत्या को हिन्दू-मुस्लिम के रंग से रंगने में जुट गया। लोग सोशल.मीडिया में लिख रहे हैं- औवेसी के इलाके में एक ख़ास मजहब के लोगों ने ही ये जुल्म ढहाया होगा। पंचर बनाने वालों की जमात के सिवा और किसका इतना पत्थर दिल होगा !
इस संवेदनशील हत्या पर सोशल मीडिया पर हो रही चर्चाएं हत्या से कम डरावनी नहीं है। ना जाने किस नफरत के जहर ने हमें इतना संवेदनहीन कर दिया है कि हम अंदर ही अंदर डरावने से राक्षस बने जा रहे है। प्रियंका के क़ातिलों की तरह !
– नवेद शिकोह