भरत इंदर सिंह चहल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी
भरत इंदर सिंह चहल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पटियाला की अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
भरत इंदर सिंह चहल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार भरत इंदर सिंह चहल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पटियाला की अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अदालत ने विजिलेंस को चहल को गिरफ्तार कर आगामी 28 अक्टूबर को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है।
विजिलेंस जांच का प्रारंभ
पंजाब विजिलेंस ने साल 2022 में भरत इंदर सिंह चहल के खिलाफ जांच शुरू की थी। इस जांच में उनकी संपत्तियों की भी गहनता से जांच की गई। पिछले साल सितंबर में इस मामले में चहल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गईं।
हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका
इसी मामले में भरत इंदर चहल ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि मौजूदा आम आदमी पार्टी सरकार राजनीतिक द्वेष के कारण पिछली सरकार के नेताओं और उनके करीबियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। चहल का कहना था कि सरकार उन्हें भी फंसाने की कोशिश कर रही है।
हाईकोर्ट का फैसला
हालांकि, हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में चहल को झटका देते हुए उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। पिछले साल 4 अक्टूबर को चहल को अग्रिम जमानत नहीं मिल पाई, जिससे उनकी स्थिति और कमजोर हुई।
चहल के घर पर छापेमारी
चहल के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला तब शुरू हुआ जब विजिलेंस ने उनके घर पर छापेमारी की। इस छापेमारी में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और संपत्ति संबंधी जानकारी जब्त की गई। इससे स्पष्ट हो गया कि विजिलेंस चहल के खिलाफ गंभीर रूप से जांच कर रही है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
भरत इंदर चहल की गिरफ्तारी का मामला राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के करीबी रहे चहल ने हमेशा अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए काम किया है। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी से राजनीतिक हलचलें तेज हो सकती हैं।
आगे की कार्रवाई
अब, चूंकि अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है, चहल की स्थिति गंभीर हो गई है। विजिलेंस अब उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करेगी। इस मामले में आगे की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।
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भरत इंदर सिंह चहल के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट और उनकी संपत्तियों की जांच इस बात का संकेत है कि पंजाब में राजनीतिक द्वेष और जांच का सिलसिला जारी है। चहल को अब अपनी कानूनी लड़ाई लड़नी होगी, जबकि उनके समर्थक और राजनीतिक विरोधी दोनों इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं।