जम्मू-कश्मीर में आतंकी साजिश नाकाम:अखनूर में 5 किग्रा IED से लैस ड्रोन पुलिस ने मार गिराया;
जम्मू-कश्मीर में अखनूर सेक्टर के कानाचक में पुलिस ने शुक्रवार तड़के एक ड्रोन को मार गिराया गया। इससे 5 किलोग्राम IED बरामद हुआ है। यह ड्रोन भारतीय सीमा में 6 किलोमीटर अंदर तक घुस आया था। इस तरह ड्रोन के जरिए हमले की बड़ी साजिश नाकाम कर दी गई है।
जम्मू जोन के IG मुकेश सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ड्रोन को रात 1 बजे देखा गया। इससे लाई गई IED करीब तैयार हालत में थी। उस पर GPS लगा हुआ था। इसे किसी आतंकी तक पहुंचाया जाना था। हालांकि अभी तक रिसीवर का पता नहीं चल पाया है।
चीन, हांगकांग और ताइवान में ड्रोन के पार्ट्स बनाए गए
उन्होंने बताया कि ड्रोन 17 किलो का है। उसके पार्ट्स चीन, हांगकांग और ताइवान में बनाए गए हैं। इसी सीरीज का ड्रोन कठुआ में मिला था। अब तक ड्रोन से भेजे गए 16 AK-47 राइफल, 34 पिस्तौल, 15 ग्रेनेड, IED और 4 लाख रुपये की करेंसी बरामद की जा चुकी है।
IG ने कहा कि 15 अगस्त को लेकर तैयारी चल रही है। सुरक्षा बढ़ाई जा रही है। ड्रोन के संभावित हमलों को रोकने की पूरी तैयारी है। जैश की साजिश की खबर मिली है। जो इनपुट मिले हैं, उन पर काम चल रहा है।
जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में एक के बाद एक कई ड्रोन नजर आए हैं। पिछले महीने (27 जून) जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन से दो धमाके किए गए थे। इस हमले में एयरफोर्स स्टेशन की छत को नुकसान हुआ था और 2 जवान घायल हुए थे। ड्रोन के जरिए एयरबेस के भीतर दो IED गिराए गए थे। नुकसान ज्यादा नहीं हुआ। यह अपनी तरह का पहला हमला था। ब्लास्ट इंडियन एयरक्राफ्ट्स के करीब ही हुआ था। यह जगह इंटरनेशनल बॉर्डर से 14 किलोमीटर की दूरी पर है।
मारे गए आतंकियों के पास से विस्फोटक और हथियार बरामद
जम्मू-कश्मीर के सोपोर में सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में दो आतंकियों को मार गिराया। दोनों पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे। इनमें एक की पहचान फयाज वार के तौर पर हुई है। वह हत्या के कई मामलों में आरोपी था। दहशतगर्दों के पास से भारी मात्रा गोला-बारूद बरामद हुआ।
जून में जम्मू में लगातार 3 दिन ड्रोन नजर आए
26 जून: जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर 26 जून की रात ड्रोन अटैक किया गया था। इस हमले में विस्फोट से एयरफोर्स स्टेशन की छत को नुकसान पहुंचा था और दो जवान घायल हुए थे।
27 जून: रात में जम्मू के कालूचक मिलिट्री बेस पर ड्रोन नजर आया था। सुरक्षा बलों ने इस पर फायरिंग की, लेकिन यह अंधेरे में गायब हो गया था।
28 जून: जम्मू के सुंजवान मिलिट्री स्टेशन के पास 28 जून की देर रात संदिग्ध ड्रोन नजर आया। कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि कुंजवानी और कालूचक इलाके में भी ड्रोन दिखा था।
ड्रोन हमलों पर क्या है एक्सपर्ट की राय?
100 किलोमीटर तक रेंज, दिखते ही मार गिराना उपाय
वायुसेना के पूर्व वाइस चीफ एयर मार्शल रविकांत शर्मा का मानना है कि आतंकी हमले में ड्रोन का इस्तेमाल चिंताजनक है। ड्रोन के मामले में सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि छोटा और नीची उड़ान भरने के कारण रडार की पकड़ में नहीं आता। बहुत पास आने पर इसे देखा जा सकता है। यही कारण है कि ड्रोन के मामले में ‘शूट टू किल’ का SOP अपनाया जाता है। इसके लिए अमेरिका और इजराइल मिसाइलों का इस्तेमाल करते हैं।
उन्होंने बताया कि हम भी ड्रोन के हमले रोकने में पूरी तरह सक्षम हैं। ड्रोन की रेंज 5 से लेकर 100 किमी तक हो सकती है। यह ड्रोन के पेलोड पर निर्भर है। ड्रोन के टुकड़ों से 24 घंटे में पता चल जाता है कि यह कितनी रेंज का था और कहां से उड़ान भरी होगी।