CM तीरथ के केन्द्रीय मंत्रियों के अलावा विपिन रावत और अजित डोभाल से मिलने की क्या है वजह
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत दिल्ली दौरे पर हैं और मुख्यमंत्री का आज यानी सोमवार को दिल्ली दौरे का तीसरा दिन है. देखा जाए तो इस दौरे में मुख्यमंत्री उत्तराखंड के विकास कार्यों को लेकर लगातार केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की. शनिवार को दिल्ली पहुंचे ही मुख्यमंत्री ने सबसे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उसके बाद रविवार की बात की जाए तो उन्होंने जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की और फिर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सीडीएस बिपिन रावत से भी मिले. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर चल रही तैयारी पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से भी मुलाकात की.
सीएम तीरथ सिंह रावत ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह और एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात की. इसी बीच पीएम नरेंद्र मोद के सलाहकार भास्कर खुल्बे ने सीएम से उत्तराखण्ड सदन पहुंचकर मुलाकात की और महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की. इन सब मुलाकात के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने संघ के सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबले से साउथ एवेन्यू स्थित 147 नम्बर बंगले पर मुलाकात की. यह बैठक करीब एक घंटे से अधिक चली. इस मुलाकात के दौरान तीसरे सदस्य हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी मौजूद रहे.
आखिर क्या वजह है विपिन रावत और अजीत डोभाल से मुलाकात की वजह?
सबसे बड़ी बात यह है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत विकास कार्यों को लेकर भले ही दिल्ली दौरे पर हैं लेकिन इस समय उन्हें प्रदेश की सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा और आगामी विधानसभा चुनाव की चिंता सता रही है और यह सीएम के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में दिख रही है. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से उसके बाद सीडीएस बिपिन रावत और एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात इस बात की तरफ इशारा कर रहा है. उत्तराखण्ड के समावर्ती क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और गांव से लोगों के हो रहे पलायन को रोकना, साथ ही सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की जरूरत है.
देखा जाए तो मुख्यमंत्री बनने से पहले तीरथ सिंह रावत पौड़ी लोकसभा से सांसद रहे हैं और यहां की हर भौगोलिक स्थिति को भली भांति समझते है. उत्तराखंड से लगे चीन और नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र में चीन के सैनिकों की गतिविधि इस समय चिंता का विषय है. यह बात भी जगजाहिर है चीन के कुचक्र में पड़ कर नेपाल भी उत्तराखण्ड के काला पानी और लिपुलेख काली नदी पर अपनी दावेदारी कर रहा है और अपना बता रहा है. इधर, करीब एक साल से कई दौर की वार्ता के बाद भी चीनी सैनिक बॉर्डर क्षेत्र में घुसपैठ की लगातार कोशिश कर रहे हैं.
क्या कहा था हिमाचल के सीएम ने
कुछ दिनों पहले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्टेटमेंट दिया था कि जो हिमाचल प्रदेश से लगे चाइना का जो सीमावर्ती क्षेत्र है. वहां पर चाइना के सैनिकों ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी है और इसकी रिपोर्ट जल्दी केंद्र सरकार को देंगे और जयराम ठाकुर रविवार को दिल्ली दौरे पर रहे और केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात भी की. ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों मुख्यमंत्रियों का केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात सुरक्षा के दृष्टिकोण को लेकर के महत्वपूर्ण है.
क्या है तीरथ सिंह रावत के लिए बड़ी चुनौती?
उत्तराखण्ड में सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित गांव के लोग समय-समय पर नेपाल और चीन की घुसपैठ की सूचना बीएसएफ और आर्मी को देते रहे है जिसे सरकार सुरक्षा के लिए एक बड़ा तंत्र भी मानती है. लेकिन मूलभूत सुविधा न मिलने की वजह से इन गांव से हो रहे पलायन को रोकना भी सीएम तीरथ सिंह रावत के लिए बड़ी चुनौती है और सीएम इस पलायन रोकने की तैयारी में जुटे हुए है. 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सीएम तीरथ सिंह रावत तैयारी में जुट गए है. बचे हुए दिनों में विकास को कैसे रफ्तार दिया जाए, जनता का विश्वास कैसे जीता जाए इन तमाम महत्वपूर्ण मुद्दों पर सीएम तीरथ सिंह रावत केंद्रीय मंत्रियों, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और संघ के वरिष्ठ नेताओं से दिल्ली में मुलाकात कर रहे.
इस दौरे में सीएम तीरथ सिंह रावत का आज यानी सोमवार को तीसरा दिन है. सीएम रावत ने पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा है लेकिन समय अभी मिल नहीं पाया है. हालांकि रविवार को दोपहर में पीएम के सलाहकार भास्कर खुल्बे ने उत्तराखण्ड सदन पहुंचकर सीएम से मुलाकात कर जो जानकारी लेनी थी ले ली है और जो मैसेज देनी थी दे दी है.