अमेरिकी दौरे पर चिढ़ा चीन, ताईवान की सीमा पर करेगा युद्धाभ्यास
बीजिंग –ताइवान के पास अपनी सैन्य गतिविधियों को मुख्य भूमि के साथ फिर से जोड़ने के अपने घोषित लक्ष्य के अनुरूप बढ़ा रहा है, ताइपे ने भी ‘वास्तविक युद्ध परिदृश्य’ की तैयारी के लिए खुद को बचाने और प्रशिक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं लेकिन इसी बीच ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन के अमेरिका दौरे पर जाने से नाराज चीन ने तीन दिनों के लिए मिलिट्री ड्रिल का ऐलान किया है। चीनी सेना की ईस्टर्न थियेटर कमांड के जवान यहां होने वाले अभ्यास में शामिल होंगे।ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन ने अमेरिकी दौरे पर स्पीकर से भी मुलाकात की थी। चीन ताईवान को वन चाइना पाॅलिसी का हिस्सा मानता है। बता दें कि वन चाइना पाॅलिसी चीन की विस्तारवादी नीति है, जिसके तहत वह पूरे भारत भारत के समीप सभी देशों को और अपना हिस्सा मानता है।अमेरिका से इसे खरीदने के बाद भी, ताइवान अभी भी अपने स्वदेशी उद्योग को विकसित करने की कोशिश कर रहा है, अगर पीएलए की नौसेना द्वीप को अवरुद्ध करने में सफल हो जाती है।
चीनी सेना की ओर से होने वाले इस युद्धाभ्यास को लेकर अधिक जानकारी सामने नहीं आई है। जानकारी के मुताबिक अमेरिकी दौरे से नाराज चीन ने कार्रवाई की धमकी दी थी। चीन पहले भी अमेरिकी नेताओं और अधिकारियों से ताइवान नेताओं की मीटिंग पर नाराजगी जता चुका है।राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चार मौकों पर यह कहकर ताइवान के प्रति प्रतिबद्धता के स्तर को बढ़ा दिया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका सैन्य बल के साथ ताइवान की रक्षा करेगा।
इसने ताइवान पर अमेरिकी नीति को नहीं बदला है क्योंकि यह हमेशा, देश की रक्षा के लिए था लेकिन ताइवान पूरी तरह से अमेरिकी दखल पर निर्भर नहीं रह सकता। मिसाइलों के अलावा, ताइवान सशस्त्र ड्रोन उत्पादन और साइबर रक्षा को प्राथमिकता देता है।