झारखंड ट्राइब्स एडवाइजरी काउंसिल की घोषणा, इन विधायकों को मिली जगह..
रांची. झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार के गठन के बाद से ही ट्राइब्स एडवाइजरी काउंसिल (TAC) को लेकर लगातार गतिरोध जारी था. लेकिन अब उन सभी विरोधों पर विराम लग गया है. झारखंड ट्राइब्स एडवाइजरी काउंसिल की घोषणा कर दी गई है. टेक में फिलहाल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ ही 19 विधायकों को शामिल किया गया है. गौरतलब है कि टेक से संबंधित फाइल को दो बार राजभवन की ओर से लौटाए जाने के बाद सरकार और राजभवन के बीच कुछ खींचतान जरूर दिखी थी लेकिन बाद में हेमंत सोरेन सरकार ने टेक की नई नियमावली की घोषणा करते हुए राज्यपाल के अधिकार को ही खत्म कर दिया था.
नई नियमावी के अनुसार मुख्यमंत्री की ओर से मनोनीत सदस्य टेक में शामिल हो सकेंगे. इस घोषणा के बाद ही अब ट्राइब्स सब प्लान की राशि को खर्च किया जा सकेगा. उल्लेखनीय है कि ये राशि केंद्र सरकार की ओर से दी जाती है और इस मद में करीब 33 से 35 हजार करोड़ रुपये जारी किए जाते हैं.
कौन कौन होंगे TAC में
CM हेमंत सोरेन, पदेन अध्यक्ष
विभागीय मंत्री चम्पई सोरेन, पदेन उपाध्यक्ष
कौन होंगे सदस्य
स्टीफन मरांडी
नीलकंठ सिंह मुंडा
बाबूलाल मरांडी
बंधु तिर्की
सीता सोरेन
दीपक बिरुआ
चमरा लिंडा
कोचे मुंडा
भूषण तिर्की
सुखराम उरांव
दशरथ गगराई
विकास सिंह मुंडा
नमन विकसल कोगाड़ी
राजेश कच्छप
सोना राम किस्कू
वहीं मनोनीत सदस्य के तौर पर विश्वनाथ सिंह सरदार और जमल मुंडा को टेक में शामिल किया गया है.
खत्म की थी राजभवन की भूमिका
इससे पहले टेक को लेकर राजभवन की भूमिका को खत्म कर दिया गया था. ऐसा टीएसी को लेकर नई अधिसूचना जारी होने के बाद हुआ था. हेमंत सोरेन सरकार के गठन के बाद टीएसी को लेकर फाइल दो बार राजभवन से कुछ आपत्ति के साथ लौटा दी गई. राजभवन द्वारा कुछ सदस्यों के आचरण प्रमाण पत्र मांगे जाने पर मांडर विधायक बंधु तिर्की ने सवाल उठाए थे. साथ ही राज्य सरकार पर टेक का गठन नहीं कर पाने को लेकर काफी दबाव भी था. बता दें कि टीएसी का झारखंड के विकास में बड़ा योगदान रहा है. ट्राइबल सब प्लान की राशि को खर्च करने में इस कमेटी की भूमिका सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है.