माइनरों में पानी ना आने से आक्रोशित , किसानों ने बड़े धरने की दी चेतावनी..
उत्तर प्रदेश –यह बहुत दुख की बात है लेकिन यह सच है कि भारत में किसानों की आत्महत्या के मामलों में पिछले कुछ वर्षों में वृद्धि हुई है। इन आत्महत्याओं के पीछे कई कारण हैं जिनमे प्रमुख है अनियमित मौसम की स्थिति, ऋण बोझ, परिवार के मुद्दों तथा समय-समय पर सरकारी नीतियों में बदलाव। उत्तर प्रदेश में किसान आत्महत्याओं ने पिछले कुछ समय की अवधि में काफी वृद्धि देखी है। इसके मुख्य कारण पानी खाद और बिजली साथ ही व्यक्तिगत समस्याएं, सरकारी नीतियों आदि में बढ़ती असमानता हैं।
ऐसा ही मामला किसानों से जुड़ा है जो उत्तर प्रदेश के रायबरेली जनपद शहर जहां किसानों ने पानी के लिए आंदोलन शुरू कर दिया। वहीं आज जिला कलेक्टरेट रायबरेली में जय किसान आंदोलन के नेतृत्व में आक्रोषित किसानों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए, जिलाधिकारी को माइनरों में पानी छोड़ने से सम्बंधित एक ज्ञापन दिया।ब्लाॅक हरचन्दपुर पैडेपुर के किसानों द्वारा यह सूचना दी गई, कि नहरो द्वारा फसलो की सिंचाई होती आयी है ।
उस क्षेत्र के सभी किसान सिंचाई के लिए नहर द्वारा की जाने वाली सिंचाई पर आश्रित है नहर के अतिरिक्त सिंचाई का अन्य कोई जरिया नहीं है। सिंचाई विभाग रायबरेली को बार-बार अनुरोध किये जाने पर भी सिंचाई विभाग द्वारा राजामऊ रजबहा नहर से प्यारेपुर माइनर में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है जिस कारण ग्राम पैडे़पुर समेत आस-पास के क्षेत्रों के किसानों की बड़े पैमाने पर गेहूॅ की फसल सूख रही है।
जिस कारण किसानों में आक्रोष व्याप्त है। यहां यह बताना भी जरूरी है कि नहरो में पानी न छोड़े जाने के कारण पूरे जिले के किसान सिंचाई की समस्या से जूझ रहे है। ज्ञापन के माध्यम से जय किसान के जिलाध्यक्ष श्री शिव प्रताप मौर्य जी ने जिला प्रशासन से तत्काल नहर में पानी छोड़े जाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि यदि एक सप्ताह के अन्दर प्यारेपुर माइनर में पानी न छोड़ा गया तो ग्राम पैड़ेपुर समेत पूरे जिले के किसान जिला कलेक्ट में भारी संख्याबल के साथ धरना देने के लिए बाध्य होंगे। इस मौके पर स्वराज अभियान की प्रदेश अध्यक्ष ऐड। अर्चना, पुष्कर पाल, राम विलास यादव, मो संजय कुमार, नंदन, इंद्रेश, गजोधर, बाबू व अंशू मौर्य सहित और कई लोग उपस्थित रहे।