वाराणसी में आनंदीबेन ने विद्यार्थियों के लिए कही ये बात, जाने क्या
वाराणसी, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को यहां कहा कि विश्वविद्यालयों में वर्षों से रखी विभिन्न कक्षाओं की उपाधियां संबंधित विद्यार्थियों के घरों तक पहुंचाई जाएगी। उन्होंने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के 38 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में लाखों उपाधियां बरसों से रखी हुई हैं लेकिन संबंधित विद्यार्थी उन्हें नहीं ले जा रहे हैं। कुलाधिपति श्रीमती पटेल ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन से कहा गया है कि गत तीन वर्षों के दौरान यहां के विभिन्न कक्षाओं में उत्तीर्ण विद्यार्थियों की डिग्रियां उनके घरों तक पहुंचा दे।
उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी दी गई है कि लाखों विद्यार्थियों की डिग्रियां वर्षों से उनके विश्वविद्यालयों में पड़ी हुई हैं। बहुत ऐसे भी हैं जिनकी उपाधियां गत 10 सालों से अधिक समय से विश्वविद्यालयों में रखी हुई है।
राज्यपाल ने कहा कि हो सकता है उनमें से बहुत उपाधि धारकों के पते अब बदल गए होंं। इसलिए फिलहाल तीन वर्षों के दौरान उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं के घरों तक उनकी डिग्रियां पहुंचाने की व्यवस्था करें।
हालांकि, राज्यपाल ने राज्य के दूसरे अन्य विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को कब तक डिग्रियां भेज दी जाएंगी इसके बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा। लेकिन संकेत दिया है कि आने वाले समय में सभी को उनके घरों तक डिग्रियां मिल सकती हैं।
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श्रीमती पटेल ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन से दीक्षांत समारोह में शामिल नहीं होने वाले विद्यार्थियों को भी उनकी डिग्रियां शीघ्र उपलब्ध कराने का निर्देश यहां के कुलपति को दिया।विश्वविद्यालय के मुख्य भवन में आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कई छात्र -छात्राओं को उपाधियां तथा मेडल देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर विदेश मंत्रालय के अपर सचिव अखिलेश मिश्र मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए । समारोह में 29 छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रकार के 57 पदक प्रदान किए गए। आचार्य कक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली कुमारी मीना देवी को 10 स्वर्ण , सुमित्रा नंदन चतुर्वेदी एवं आशुतोष कुमार मिश्र को 5-5 स्वर्ण, भुवनेश्वर चैतन्य को चार स्वर्ण पदक, छविरमन भट्टाराई, शुभम पांडेय एवं सूर्यसेन पांडेय को तीन-तीन स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजा राम शुक्ल ने बताया कि इस वर्ष 17, 244 छात्र-छात्राओं को उपाधियां एवं प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं। गौरतलब है कि कोविड-19 संक्रमण के मद्देनजर गत वर्षोंं की अपेक्षा इस बार के दीक्षांत समारोह में सीमित संख्या में विद्यार्थियों , शिक्षकों एवं अन्य अतिथियों को आमंत्रित किया गया था ।