आनंदीबेन पटेल ने कहा कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं और बड़े होकर ये ही देश के सजग प्रहरी बनेंगे, इसलिए इन्हें बचपन से ही उचित शिक्षा,दीक्षा एवं पौष्टिक आहार दिया जाना चाहिए।
पटेल आज राजभवन से वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से मेरठ में दायमपुर शहरी क्षेत्र के प्राइमरी स्कूल में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र पर डा0 एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ द्वारा उपलब्ध कराये गये बच्चों को खेलकूद एवं पठन सामग्री तथा गर्भवती महिलाओं के लिए पौष्टिक आहार वितरण के लिये आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रही थी।
उन्होंने कहा कि बच्चे हमारे देश के भविष्य हैं। बड़े होकर ये ही देश के सजग प्रहरी बनेंगे। इसलिए इन्हें बचपन से ही उचित शिक्षा, दीक्षा एवं पौष्टिक आहार दिया जाना चाहिए। प्रत्येक जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रों में शिक्षा एवं आरोग्य के कार्यक्रम चलाये जाने चाहिये। इस कार्य में भारत सरकार एवं राज्य सरकार आर्थिक मदद दे रही है। आवश्यकता है इस कार्य में प्रत्येक गांव के सम्भ्रांत नागरिकों, जनप्रतिनिधियों तथा सम्पन्न वर्ग को जोड़ने की।
राज्यपाल ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में दी जाने वाली सामग्री डा0 कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ से सम्बद्ध मेरठ परिक्षेत्र के 30 इंजीनियरिंग कालेजों के सहयोग से प्राप्त की गयी है, जिसका वितरण आज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों में खिलौनों के प्रति आकर्षण होता है। अतः वे खेल-खेल में पढ़ना सीखेंगे तथा प्रेरक कहानियों के माध्यम से उन्हें शिक्षा व संस्कार दोनों प्राप्त होंगे।
उन्होंने कहा कि हम सबका प्रयास होना चाहिए कि आंगनवाड़ी केन्द्रों पर सौ प्रतिशत बच्चे आएं। उन्होंने कहा कि समाज के संभ्रान्त नागरिकों का दायित्व होना चाहिए कि वे अपने परिवार के किसी सदस्य का जन्मदिन आंगनवाड़ी केन्द्र के बच्चों को फल एवं मिठाई वितरण कर जन्मदिन को यादगार बनाये। यह क्षण उनके लिए महत्वपूर्ण तो होगा ही बच्चों को भी सदैव स्मरण रहेगा और उनकी खुशी भी बढ़ेगी।
पटेल ने बच्चियों, किशोरियों तथा गर्भवती महिलाओं के लिये भी खान-पान व शिक्षा-दीक्षा में किसी भी प्रकार से भेदभाव नहीं करना चाहिये। गर्भवती महिलाओं का प्रसव अस्पतालों में ही कराए जाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को निर्देश दिया कि गर्भवती महिलाओं के उचित पोषण के लिये सरकार द्वारा दिये जा रहे 5000 रूपये की जानकारी लेते रहें। ये धनराशि फल एवं पौष्टिक आहार के क्रय में लगनी चाहिये। यदि जच्चा स्वस्थ हो तो बच्चा भी स्वस्थ पैदा होगा।
राज्यपाल ने कहा कि गर्भकाल में उचित पोषण न मिलने के कारण ही कुपोषित बच्चे पैदा होते हैं। उन्होंने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकत्री को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि उन्हें गर्भवती एवं बच्चों की बेहतर देखभाल के लिए तैयार किया जा सके।
इस अवसर पर एकेटीयू के कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक, मेरठ के जिलाधिकारी के बाला, मेरठ के मुख्य विकास अधिकारी एम आर शशांक, एमआईआईटी के चेयरमैन विष्णु सरन सहित अन्य लोग ऑनलाइन जुड़े हुए थे।
त्यागी
वार्ता