टोक्यो में भारतीय महिला हॉकी टीम के प्रदर्शन पर आनंद महिन्द्रा ने कही ये बात

नई दिल्ली. टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में भारतीय महिला टीम (Indian Women Hockey Team) भले ही कांस्य पदक से चूक गई हो लेकिन पूरा देश उन्हें सलाम कर रहा है. शुक्रवार को हुए मुकाबले में ब्रिटेन ने भारतीय टीम को 4-3 से हरा दिया. भारतीय टीम ने पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचकर पहले ही इतिहास रच दिया था. इस बीच उद्योगपित आनंद महिन्द्रा (Anand Mahindra) ने कहा है कि उनका (भारतीय महिला टीम) भी वक्त आएगा. उद्योगपति ने कहा कि – ‘आज हमने अंडरडॉग्स को बेरहमी से गुर्राते हुए सुन. उनका भी वक्त आएगा. उन्होंने एक ऐसी क्रांति शुरू की है जिसे रोका नहीं जा सकता.’

भारत का इससे पहले ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1980 में था जब महिला टीम चौथे स्थान पर रही थी. उस समय सेमीफाइनल नहीं होते थे और छह टीमों ने राउंड रॉबिन आधार पर खेला था जिनमें से दो फाइनल में पहुंची थी.

इससे पहले भारतीय महिला टीम ने भी दो गोल से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए हाफटाइम तक 3. 2 की बढत बना ली. ब्रिटेन ने हालांकि दूसरे हाफ में जबर्दस्त आक्रामक खेल दिखाते हुए दो गोल करके भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. भारतीय टीम ने पांच मिनट के भीतर तीन गोल किये. गुरजीत कौर ने 25वें और 26वें मिनट में जबकि वंदना कटारिया ने 29वें मिनट में गोल दागे. ब्रिटेन के लिये एलेना रायेर ने 16वें, साारा रॉबर्टसन ने 24वें, कप्तान होली पीयर्ने वेब ने 35वें और ग्रेस बाल्डसन ने 48वें मिनट में गोल दागे.

ब्रिटेन ने रायेर के गोल की मदद से बढत बनाई
दूसरे क्वार्टर में ब्रिटेन ने रायेर के गोल की मदद से बढत बना ली. इसके कुछ मिनट बाद उसे फिर पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन गोल नहीं हो सका. लालरेम्सियामी भारत के लिये गोल करने के करीब पहुंची लेकिन उनकी रिवर्स हिट को मैडी हिंच ने बचा लिया. भारत को मिला पहला पेनल्टी कॉर्नर भी बेकार गया. ब्रिटेन की बढत 24वें मिनट में रॉबर्टसन ने दुगुनी कर दी. इसके एक मिनट बाद भारत को लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले जिनमें से एक को गोल में बदलकर गुरजीत ने अंतर कम किया.

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