सूडान में फँसे 246 हिंदुस्तानी नागरिकों को लायी वायुसेना
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि वायुसेना की एक फ्लाइट सूडान से 246 हिंदुस्तानी नागरिकों को लेकर मुंबई पहुंची. इस लेकर कई यात्रियों ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की. गृहयुद्ध से जूझ रहे सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल आरसीएफ के बीच आए दिन संघर्ष तेज होता जा रहा है.
सूडान से लौटे भारतीयों ने पीएम को दी दुआएं
सूडान से भारत लौटी एक बुजुर्ग महिला यात्री ने भावुक होते हुए कहा, “भारत देश महान है. पीएम मोदी हजार साल जिएं.” वहीं एक और हिंदुस्तानी निशा मेहता ने भी पीएम मोदी का शुक्रिया किया. उन्होंने कहा कि हम अपने देश में लौटकर बहुत खुश है. वहीं दूसरी तरफ देश लौटे एक और शख्स अवतार सिंह ने कहा कि हिंदुस्तान वापस लौटकर उन्हें बेहद खुशी हो रही हैं.
#WATCH | Mumbai: "Our country is great. May PM Modi live for 1,000 years," says an elderly woman who has returned from Sudan pic.twitter.com/peVQaWjwM7
— ANI (@ANI) April 27, 2023
कितने भारतीय अब तक लौटे?
भारतीय वायुसेना के दो परिवहन विमानों के जरिए सूडान से 256 भारतीयों को इससे पहले निकाला गया था. नौसेना के जहाज आईएनएस सुमेधा के माध्यम से भी 278 हिंदुस्तानियों को निकाला गया था. इसके अनुसार, सूडान से अब तक निकाले गए भारतीय नागरिकों की संख्या 780 हो गई.
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने फ्लाइट के मुंबई के लिए रवाना होने से कुछ मिनट पहले ट्वीट किया, ‘‘जेद्दाह से भारतीयों को तेजी से स्वदेश वापस लाने के हमारे प्रयास रंग ला रहे हैं. आईएएफ सी17 ग्लोबमास्टर से 246 भारतीय जल्द ही मुंबई पहुंचेंगे.
क्या है मामला ?
सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल के बीच शक्ति संघर्ष जारी है. पिछले कई दिनों से जारी लड़ाई में 400 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. दोनों पक्षों के 72 घंटे के संघर्ष विराम पर सहमत होने के बाद भारत ने वहां फंसे अपने नागरिकों को बाहर निकालने के प्रयास तेज कर दिए थे. इसके बाद ऑपरेशन कावेरी शुरू किया गया था, लेकिन संघर्ष विराम के दौरान भी वहां हिंसा जारी रही.
बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मसले पर हाईलेवल मीटिंग बुलाई थी. इसमें उन्होंने सूडान से 3000 से अधिक भारतीयों को सुरक्षित रूप से निकालने के लिए आपातकालीन तैयारी के निर्देश दिए थे. इससे पहले एस. जयशंकर ने भारतीयों को सुरक्षित निकालने को लेकर सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और मिस्र के अपने समकक्षों से बात की थी.