“छत्तीसगढ़ में अमित शाह ने किए वल्लभाचार्य मंदिर के दर्शन, जानिए चंपारण्य धाम का महत्व”

गृह मंत्री अमित शाह ने आज (24 अगस्त) छत्तीसगढ़ के चंपारण्य स्थित महाप्रभु वल्लभाचार्य जी के मंदिर में दर्शन किए। यह पवित्र स्थल रायपुर से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है

गृह मंत्री अमित शाह ने आज (24 अगस्त) छत्तीसगढ़ के चंपारण्य स्थित महाप्रभु वल्लभाचार्य जी के मंदिर में दर्शन किए। यह पवित्र स्थल रायपुर से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और इसे महाप्रभु वल्लभाचार्य के प्राकट्य स्थल के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर में हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, विशेष रूप से कृष्ण भक्तों के लिए यह एक महत्वपूर्ण आस्था का केंद्र है।

महाप्रभु वल्लभाचार्य ने 15वीं शताब्दी में वैष्णव धर्म के कृष्ण-केंद्रित पुष्टिमार्ग संप्रदाय की स्थापना की और शुद्धाद्वैत दर्शन का प्रतिपादन किया। उनके अनुयायी मुख्य रूप से गुजरात और महाराष्ट्र से आते हैं। वल्लभाचार्य का जन्म तेलुगु ब्राह्मण परिवार में चंपारण्य में हुआ था, और उनकी शिक्षा वाराणसी में हुई थी। उन्होंने अपने जीवन के अंतिम क्षण वाराणसी में बिताए। वल्लभाचार्य ने गुजरात और महाराष्ट्र में भी कई अनुयायी बनाए थे।

माना जाता है कि महाप्रभु वल्लभाचार्य ने पूरे भारत की तीन बार पैदल यात्रा की थी और चंपारण्य में भागवत सप्ताह का पाठ भी किया था। इस स्थान का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि यह उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़ा हुआ है। चंपारण्य के जंगल में पेड़ काटने पर मनाही है, क्योंकि यह मान्यता है कि वल्लभाचार्य का जन्म जंगल के अंदर हुआ था।

चंपारण्य के बारे में एक और मान्यता प्रचलित है। कहा जाता है कि यहां भगवान शिव की त्रिमूर्ति का अवतरण हुआ था। एक प्राचीन कथा के अनुसार, एक ग्वाला अपनी गाय का दूध न निकाल पाने से परेशान था। जब उसने गाय का पीछा किया, तो उसने देखा कि गाय प्रतिदिन चंपेश्वर नाथ में शिवलिंग पर दूध अर्पित करती है। यह बात जब उस प्रदेश के राजा को बताई गई, तो उन्होंने उस स्थान को धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किया।

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