तोड़मरोड़ कर लिखा गया कश्मीर का इतिहास, अब वक़्त है सच्चे इतिहास का- अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब देश आज़ाद हुआ था, तब वल्लभभाई पटेल को 630 रियासतों को एक करने में कोई दिक्कत नहीं आई थी। मगर जम्मू-कश्मीर को एक करने के लिए पांच अगस्त 2019 तक इंतजार करना पड़ा। लेकिन अब वक्त आ गया है कि देश का सच्चा इतिहास लिखा जाए।
पूर्व सिविल सेवा अधिकारी मंच की ओर से नेहरू मेमोरियल में आयोजित पांचवी वार्षिक व्याख्यान माला में गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि 630 अलग-अलग राज्य एक खंड के अंदर समाहित करना और अखंड भारत बनाना हमारे लिए बहुत बड़ा चुनौती का काम था। लेकिन देश के प्रथम गृह मंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को प्रणाम करके ये बात कहना चाहता हूं कि वो न होते तो ये काम कभी न हो पाता। अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल की ही दृढ़ता का परिणाम है कि 630 रियासतें आज एक देश के रूप में दुनिया के अंदर अपना अस्तित्व रखती हैं।
कांग्रेस पर दागे सवाल
अमित शाह ने कहा कि कश्मीर का इतिहास तोड़-मरोड़कर देश के सामने रखा गया, क्योंकि जिनकी गलतियां थीं उन्हीं के हिस्से में इतिहास लिखने की जिम्मेदारी भी आ गई। उन्होंने अपनी गलतियों को सील करके जनता के सामने रखा। अमित शाह ने कहा कि अब समय आ गया है कि सच्चा इतिहास लिखा जाए और सच्ची जानकारी जनता के सामने रखी जाए। अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद-370 हटे अभी जुमा-जुमा दो महीने भी नहीं हुए हैं। और लोग गिरफ्तारियों को लेकर चिल्लाने लगे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस वालों ने तो 11 साल तक अब्दुल्ला साहब को जेल में डाला था। आखिर किस धारा में इतने साल तक कांग्रेस ने इन्हें जेल में डाला था। आज कांग्रेस अब्दुल्ला साहब की बड़ी चिंता कर रही है।
श्यामा प्रसाद को भी किया याद
गृह मंत्री ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ट्रेन के रास्ते जम्मू-कश्मीर गए, उनके पास परमिट नहीं था। वे मानते थे कि मेरे देश में जाने के लिए परमिट की क्या जरूरत है। उनको परमिट नहीं लेने के लिए जेल में डाला गया। श्यामा जी ने अपने जीवन का बलिदान अनुच्छेद 370 हटाने के लिए दिया। ऐसे में जो लोग हम पर आरोप लगाते हैं कि ये राजनीतिक स्टैंड है, मैं उनको यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि ये हमारा स्टैंड तब से है जब से बीजेपी बनी है । हमारी मान्यता है कि अनुच्छेद 370 देश की एकता और अखंडता के लिए ठीक नहीं था।
आतंकी हमलो पर निगाह, पाकिस्तान पर निशाना
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू-मश्मीर में आतंकवाद का एक दौर चालू हुआ। इसमें अब तक 41,800 लोग मारे गए। मानवाधिकार की बात करने वाले बताएं कि इन मारे गए लोगों की विधवाओं और इनके बच्चों की आपने कभी चिंता की है क्या? बहुत सारी गलतफहमियां अनुच्छेद 370 और कश्मीर के बारे में आज भी फैली हुई है, उनका स्पष्ट होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि किसी इलाके में टेलिफोन न होना मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं है, लेकिन 41 हजार लोगों की मौत मानवाधिकार का उल्लंघन है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कश्मीर की जनता पर गोली नहीं चलेगी, लेकिन अगर कोई आतंकी आता है तो उस पर गोली जरूर चलेगी। फिर वह कश्मीर में हो या देश के किसी अन्य हिस्से में। जम्मू-कश्मीर ऐसा राज्य था, जहां एंटी करप्शन ब्यूरो नहीं था। वहां इसको 5 अगस्त 2019 को लाया गया। शाह ने कहा कि कश्मीर में 40 हजार ग्राम प्रधान विकास के लिए काम कर रहे हैं। राज्य में अगले 4-5 दिनों में तहसील और जिला पंचायत चुनाव होंगे।
कश्मीर होगा संपन्न
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को हटाया है। अब पांच से सात वर्ष के अंदर जम्मू-कश्मीर देश का सबसे विकसित राज्य बनेगा। यहां टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। दुनिया भर में सबसे कुदरती सौंदर्य ईश्वर ने अगर एक भूखंड पर दिया है तो वो जम्मू-कश्मीर है। इसके साथ ही उन्होंने कश्मीर को लेकर वैश्विक रुख का भी ज़िक्र किया। गृह मंत्री ने कहा, ‘‘पूरी दुनिया हमारे साथ खड़ी है। सात दिन तक दुनिया के सभी राष्ट्रध्यक्ष संयुक्त राष्ट्र में थे। किसी ने पाकिस्तान की तरफदारी नहीं की। सब भारत के साथ खड़े रहे।’’