अमित शाह ने संसद में ऐसा क्या किया कि कांग्रेस को लग गई तीखी मिर्च!
अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने का प्रस्ताव रखा | इस प्रस्ताव का कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया है | अमित शाह ने भी कांग्रेस को कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए जवाब दिया | शाह ने संसद में कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और भारत-पाकिस्तान बंटवारा और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के चले जाने को लेकर खरी-खोटी सुनाई | इस संबोधन में अमित शाह ने पूर्व प्रधानमन्त्री जवाहर लाल नेहरू का भी नाम लिया | जिसके बाद कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा में खूब हंगामा किया |मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस की वजह से देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ | अगर कांग्रेस ऐसा न करती तो आज आतंकवाद का मुद्दा ही न होता और न ही पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर हमसे अलग होता |
उन्होंने कहा उस समय 600 से अधिक रजवाड़े थे लेकिन तब गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने हर रियासत को हिंदुस्तान में शामिल करवाया था | उन्होंने कहा कि हैदराबाद और जूनागढ़ की रियासत, हिंदुस्तान में आने से इनकार कर रही थीं लेकिन ये मुद्दा सरदार पटेल के पास था इसलिए कोई दिक्कत नहीं हुई | इसी दौरान उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का मुद्दा आखिर किसके पास था, आज वहां धारा 370 लगी है | अमित शाह के इतना कहते ही कांग्रेस के सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और अमित शाह का विरोध करने लगे |
इसके बाद शाह ने भी पलटवार किया और उन्होंने कहा कि हम उनका नाम क्यों न लें, जब उनकी ही गलती को आज पूरे देश को भुगतना पड़ रहा है | कांग्रेस के लगातार हंगामे के बाद अमित शाह ने कहा कि चलिए, हम उनका नाम नहीं लेते हैं, लेकिन अमित शाह ने ही उनके लिए पहले प्रधानमंत्री शब्द का इस्तेमाल किया और इस पर भी बवाल हो गया |