एनआरसी की अंतिम सूची के बाद पहली बार असम पहुंचे गृहमंत्री, ये है मकसद!
NRC लागू होने के बाद गृहमंत्री अमित शाह(Amit Shah) असम में नार्थ ईस्टर्न काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रविवार को असम की राजधानी गुवाहाटी(Guwahati) पहुंचें, जहां वे दो दिवसीय नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल(NEC) की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में गृह मंत्री शाह पूर्वोत्तर में चल रही विकास परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे।
असम की राजधानी गुवाहाटी में दो दिवसीय नार्थ ईस्टर्न काउंसिल की बैठक में कॉउन्सिल के सदस्य पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री मौजूद होंगे। इस बैठक में विकास परियोजनाओं की समीक्षा के साथ नई योजनाओं पर विमर्श और पूर्वोत्तर के राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा भी की जाएगी। नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल की स्थापना क्षेत्रीय जनाकांक्षा के अनुरूप पूर्वोत्तर के विकास के लिए योजनाओं का निर्माण करने के लिए हुई है। आठ राज्य- असम, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और सिक्किम इस काउंसिल के सदस्य हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर) की कमान संभाल रहे केंद्रीय मंत्री ही पूर्व में काउंसिल के अध्यक्ष होते थे और बैठकों की अध्यक्षता करते थे। बाद में काउंसिल की कमान गृह मंत्री को सौंप दी गई। केंद्रीय गृह मंत्री ही काउंसिल के पदेन अध्यक्ष हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह असम के दो दिवसीय दौरे पर है। उनका ये दौरा बेहद एहम माना जा रहा है। एनआरसी की अंतिम सूची लागू किए जाने के बाद शाह का यह पहला असम दौरा भी है। ऐसे में उम्मीद है कि बैठक के दौरान एनआरसी के मुद्दे पर भी चर्चा होगी। असम में भी भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ही सरकार है, लेकिन पार्टी के कई नेता इस लिस्ट पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। एनआरसी सूची से ज़्यादातर हिंदुओं के बाहर होने की वजह से भाजपा का पावर हाउस माने जाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) भी काफी परेशान है और अपनी चिंता ज़ाहिर कर चुका है।