जम्मू कश्मीर में के बारे में अमित शाह ने ले लिया फैसला और भड़क गई कांग्रेस!
जम्मू-कश्मीर में और 6 महीने तक राष्ट्रपति शासन लगा रहेगा | केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन 6 महीने के लिए बढ़ाने से जुड़ा प्रस्ताव लोकसभा में रखा | अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अभी विधानसभा चुनाव कराने का माहौल नहीं है, इसलिए 6 महीने के लिए और राष्ट्रपति शासन बढ़ाया जाए | इस पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने संसद में जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को बढ़ाए जाने के सरकार के प्रस्ताव का विरोध किया | संसद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जब कोई दल राज्य में सरकार बनाने के लिए तैयार नहीं था तो कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाया गया था | इसके बाद विधानसभा को भंग करने का फैसला राज्यपाल ने लिया था | 9 दिसंबर 2018 को राज्यपाल शासन की अवधि खत्म हो गई थी और फिर धारा 356 का उपयोग करते हुए 20 दिसंबर से वहां राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला लिया गया |
लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 2 जुलाई को छह माह का अंतराल खत्म हो रहा है और इसलिए इस राष्ट्रपति शासन को बढ़ाया जाए क्योंकि वहां विधानसभा अस्तित्व में नहीं है | चुनाव आयोग इस साल के आखिर में चुनाव कराने का फैसला करेंगे और इस बारे में सूचित कर दिया जाएगा | गृह मंत्री ने कहा कि रमजान का पवित्र महीना था, अब अमरनाथ यात्रा होनी है, इस वजह से चुनाव कराने इस दौरान मुमकिन नहीं था | इस साल के अंत में चुनाव कराने का फैसला लिया गया | शाह ने कहा कि वहां राष्ट्रपति शासन बढ़ाना जरूरी हो गया है और इस दौरान वहां चुनाव हो जाएगा |
लोकसभा में आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी का साथ देते हुए राष्ट्रपति शासन बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध किया | उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में सीमावर्ती इलाकों में रह रहे लोग काफी लंबे वक्त से आरक्षण की मांग कर रहे थे, लेकिन अब चुनावी फायदा होने के बाद उन्हें यह आरक्षण दिया जा रहा है | प्रेमचंद्रन ने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए अब यह बिल लाया गया है और इसका विरोध करता हूं |