हवा में न रहें, जमीनी हकीकत पर समीकरण साधिए; पढ़िए और क्या कहा?
मिशन UP पर अमित शाह की दो टूक:लखनऊ में नेताओं से बोले
उत्तर-प्रदेश में भाजपा आज से पूरी तरह चुनावी मोड में आ गई है। शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदस्यता अभियान की शुरुआत कर चुनावी बिगुल फूंक दिया। लखनऊ दौरे पर आए गृहमंत्री ने लगातार बैठकें की। पार्टी दफ्तर में मैराथन बैठक हुई, जो देर रात तक चली। इस बैठक में शाह ने एक तरफ फीडबैक लिया तो दूसरी तरफ चुनावी रणनीति को लेकर अहम सुझाव भी दिए।
अमित शाह ने सांसद-विधायक, संगठन पदाधिकारियों से दो टूक कहा है कि हवा में न रहें। जमीनी हकीकत जानकर राजनीतिक और सामाजिक समीकरण साधिए। चुनाव के नतीजों को लेकर ओवर कॉन्फिडेंस में अभी आने की जरूरत नहीं है।
यूपी में फिर से चलेगा अमित शाह का 2014 वाला फार्मूला
अमित शाह ने भाजपा को 2014, 2017 और 2019 में बड़ी जीत यूपी से दिलाई। 2014 में अमित शाह यूपी का चुनाव प्रभारी बन कर आए थे। तब उन्होंने यूपी में जातीय समीकरण को नए तरीके से गढ़ा। पार्टी को सिर्फ ब्राह्मण, ठाकुर और बनियो के पार्टी से निकाल कर हर जाति तक पहुंचाया। कहा जाता है कि अमित शाह ने कल्याण सिंह के फार्मूले को अमल में लाया और ओबीसी में भी MBC (मोस्ट बैकवर्ड कास्ट) को अपने साथ जोड़ा। हिंदुत्व का चेहरा और सभी जातियों के साथ ने भाजपा को दिलाई लगातार तीन बार यूपी में बड़ी जीत। अब एक बार फिर अमित शाह ने पार्टी को उसी फार्मूलें पर काम करने के लिए कहा है।
अमित शाह ने 107 साल के पूर्व विधायक भुलई भाई से मुलाकात की। भुलई भाई जनसंघ के जमाने से संगठन में है। पिछले साल कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान पीएम मोदी ने फोन कर भुलई भाई का हाल जाना था।
चुनाव को लेकर ज्यादा आश्वस्त ना हो पदाधिकारी
अमित शाह ने भाजपा कार्यालय में कोर कमेटी, संगठन के पदाधिकारियों और चुनाव प्रभारियों के साथ अलग-अलग बैठकें की। इन बैठकों में अमित शाह ने सभी से एक-एक कर सूबे की सियासी जमीन को समझने की कोशिश की। पार्टी सूत्रों की माने तो अमित शाह ने सबसे, राजनीतिक,सामाजिक और जातिगत समीकरणों का फीडबैक लिया। कौन से काम हुए है और क्या बाकी रह गया है, इसको लेकर भी जानकारी ली। साथ ही यह भी कहा कि हालात अभी और सुधारने की ज़रुरत है। जमीन पर उतर कर और काम करने होंगे। चुनाव के नतीजों को लेकर ओवर कॉन्फिडेंस में अभी आने की ज़रुरत नही है।
MBC को साधने के लिए बनी रणनीति
अमित शाह की बैठक में सरकार के कुछ मंत्री और सांसद भी शामिल हुए। वनमंत्री दारा सिंह चौहान, श्रीकांत शर्मा, भूपेंद्र चौधरी और बृजेश पाठक के साथ ही सांसद राजेश वर्मा और रमापति राम त्रिपाठी भी शामिल हुए। दौनिक भास्कर को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी छोटे और जातियों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण दलों के सपा के साथ बन रहें गठबंधन से थोड़ी चिंतित है। अमित शाह ने ऐसे जाति आधारित दलों को साथ लाने पर जोर दिया। साथ है गैर-यादव ओबीसी को लिए अलग रणनीति पर काम करने पर जोर दिया। अमित शाह ने मोस्ट बैक वर्ड क्लास को जोड़ने के लिए एक बार फिर 2014 के फार्मूले पर काम करने के लिए कहा।
पार्टी दफ्तर में बैठक करते गृहमंत्री अमित शाह।
अमित शाह ने कहा- नेता अपने परिवार के लोगों लिए ना मांगे टिकट
भाजपा कार्यालय में कोर कमेटी की बैठक से पहले अमित शाह ने पूर्व विधायकों,सांसदों और वरिष्ठ नेताओं के साथ भी इंदिरा गांधी संस्थान में बैठक हुई। इस बैठक में अमित शाह ने पार्टी के इन नेताओं को एक बार फिर यूपी में भाजपा सरकार बनाने के लिए सभी को एक्टिव मोड में काम करने के लिए कहा। अमित शाह ने कहा कि संघ और संगठन के अभी बहुत सारे एजेंडा ऐसे है तो अभी पूरे नही हुए है। लिहाजा सरकार दोबारा बनानी बेहद जरूरी है। आप सभी के समर्थन और सहयोग की जरूरत पार्टी को है। अप सब अपने बेटे-बेटियों या परिवार के किसी सदस्य के टिकट ना मांगे। यह संगठन तय करेगा कि किसको टिकट मिलेगा?
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