अमित शाह ने पीएम मोदी और राजनाथ सिंह के साथ की खास मीटिंग
भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर बीजेपी में मंथन चालू है और 30 जून को जेपी नड्डा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा ये कुछ दिनों में साफ हो जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने आवास पर भाजपा संगठन की भविष्य की रूप-रेखा को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बड़ी बैठक की। प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास, 7 लोक कल्याण मार्ग पर पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष शामिल हुए।
भाजपा नेताओं की इस उच्चस्तरीय बैठक को लेकर आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन, यह बताया जा रहा है कि बैठक में भाजपा संगठन की भविष्य की रूपरेखा खासतौर से नए अध्यक्ष के नाम को लेकर विचार-विमर्श किया गया है। पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पूर्णकालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर पार्टी की कमान 20 जनवरी 2020 को संभाली थी और उनका कार्यकाल जनवरी 2023 में ही समाप्त हो गया था।
लेकिन, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जेपी नड्डा के कार्यकाल को जून 2024 तक बढ़ा दिया गया था और उनका अध्यक्षीय कार्यकाल 30 जून को खत्म हो रहा है। यही वजह है कि पीएम मोदी ने उन्हें कैबिनेट में बतौर केंद्रीय मंत्री भी शामिल कर लिया है। ऐसे में नए अध्यक्ष को लेकर पार्टी को जल्द से जल्द फैसला करना है।
हालांकि, पार्टी संविधान के अनुसार पूर्णकालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में 5-6 महीने का वक्त लगने की संभावना है। पार्टी सूत्रों की मानें तो पूर्णकालिक अध्यक्ष चुने जाने तक भाजपा किसी नेता को उसी तरह से पार्टी का कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त कर सकती है, जैसे 2019 में तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह के मोदी कैबिनेट में मंत्री बनने पर जेपी नड्डा को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
भाजपा जल्द ही नए सदस्यता अभियान की शुरुआत के साथ व्यापक संगठनात्मक बदलाव की प्रक्रिया शुरू करने वाली है। इसके बाद नए पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए राज्यों में आंतरिक मतदान होगा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है।
सूत्रों ने कहा कि पार्टी का संसदीय बोर्ड उनके प्रतिस्थापन के लिए चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक नड्डा का कार्यकाल बढ़ा सकता है। हालांकि, अंतिम निर्णय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को लेना है और नए अध्यक्ष के चुने जाने तक कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति कर सकते हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य और रसायन एवं उर्वरक मंत्री के रूप में नड्डा के शामिल होने के बाद नए अध्यक्ष की नियुक्ति जरूरी हो गई है।
जब 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह सरकार में आए, तो जनवरी 2020 में पार्टी के पूर्ण अध्यक्ष चुने जाने से पहले नड्डा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। यह मिसाल एक कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति की संभावना को खोलती है, खासकर इसलिए क्योंकि आगामी सदस्यता अभियान और इसकी संगठनात्मक इकाइयों में चुनावों के लिए एक पूर्णकालिक नेता की आवश्यकता जरूरी है। सूत्रों ने कहा कि आने वाले महीनों में हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में एक कार्यकारी अध्यक्ष संगठन को मजबूत करने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अपने दूसरे कार्यकाल में नड्डा को कैबिनेट मंत्री के रूप में बनाए नहीं रखने का निर्णय लेकर एक स्पष्ट संकेत दे दिया था कि अनुभवी नेता को पार्टी संगठन की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इस बार ऐसा स्पष्ट नहीं है क्योंकि भाजपा के अधिकांश अनुभवी नेता सरकार का हिस्सा बन गए हैं।
बताया जा रहा है कि पार्टी अपने राज्य के चेहरों या अपने राष्ट्रीय महासचिवों में से किसी को शीर्ष पद पर पहुंचा सकती है। सूत्रों ने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख राज्य में चुनावी झटके के बाद भाजपा के कुछ राज्य अध्यक्षों के स्थान पर नए चेहरे आने की संभावना है।