जाति जनगणना की मांग के बीच आकंड़े बताते हैं कि देश में करीब आधे ग्रामीण हैं OBC
नई दिल्ली. जाति जनगणना (Caste Census) की मांग के बीच पता चला है कि देश के 17.24 करोड़ ग्रामीण परिवारों (Rural Families) में से 44.4 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से हैं. देश में सात राज्यों- तमिलनाडु, बिहार, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, केरल, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में ओबीसी परिवारों की संख्या सबसे अधिक है. बता दें कि 543 लोकसभा सीटों (Lok Sabha Seats) में से 235 सीटों का रास्ता, इन्हीं ग्रामीणों के वोटबैंक से होकर गुजरता है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक ये डेटा ग्रामीण भारत के कृषि परिवारों और उनकी स्थिति का आंकलन करने के लिए तैयार किया गया है. इस पूरे सर्वे का आंकलन सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा किया गया है. बता दें कि इस सर्वे की जानकारी इसी महीने की शुरुआत में दी गई थी. जो डेटा जारी किया गया है, वह कृषि वर्ष 2018-19 का है. भारत में कृषि वर्ष जुलाई से जून तक है.
आंकड़ों से पता चलता है कि अनुमानित 17.24 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 44.4 % ओबीसी थे. इसके बाद 21.6% अनुसूचित जाति (एससी); 12.3% अनुसूचित जनजाति (एसटी) और 21.7 फीसदी अन्य जाति के थे. कुल ग्रामीण परिवारों में से 9.3 करोड़ या 54% कृषि परिवार हैं.
ग्रामीण ओबीसी परिवारों की बात करें तो सबसे अधिक ग्रामीण ओबीसी तमिलनाडु में (67.7%) और सबसे कम नागालैंड (0.2%) में हैं. तमिलनाडु के अलावा, छह राज्यों- बिहार (58.1%), तेलंगाना (57.4%), उत्तर प्रदेश (56.3%), केरल (55.2%), कर्नाटक (51.6%), छत्तीसगढ़ (51.4%) में आधे से अधिक ग्रामीण ओबीसी परिवार से हैं. ये राज्य राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि 543 सदस्यीय लोकसभा सीटों में से इनके 235 सदस्य हैं.
इसके अलावा, चार राज्यों- राजस्थान (46.8%), आंध्र प्रदेश (45.8%), गुजरात (45.4%) और सिक्किम (45%) में ग्रामीण ओबीसी परिवारों की हिस्सेदारी 44.4% है. कुल मिलाकर, 17 राज्यों- मध्य प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, मणिपुर, ओडिशा, हरियाणा, असम, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड में ग्रामीणों में ओबीसी परिवारों की हिस्सेदारी कम है.
सर्वे के मुताबिक 9.3 करोड़ कृषि परिवारों में से 45.8% ओबीसी हैं, 15.9% अनुसूचित जाति (एससी), 14.2% अनुसूचित जनजाति (एसटी) और 24.1% अन्य जाति के ग्रामीण शामिल हैं.