अमेठी जनपद : सरकार तथा जिलाधिकारी के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए मनमाने तरीके से खोले जा रहे हैं स्कूल
समूचे प्रदेश में पड़ रहे कड़ाके की ठंड तथा शीतलहर के को दृष्टिगत रखते हुए उत्तर प्रदेश शासन से प्राप्त निर्देशों के क्रम में जिला अधिकारी अमेठी के द्वारा जिले के समस्त प्रकार के विद्यालय महाविद्यालयों में 23 एवं 24 दिसंबर को अवकाश बढ़ा दिया गया है। ऐसे में तमाम विद्यालय ऐसे हैं जो सरकार तथा जिलाधिकारी के आदेश एवं निर्देशों को ठेंगा दिखाते हुए मनमाने तरीके से स्कूल खोलकर कक्षाएं संचालित कर रहे हैं। स्कूलों के द्वारा इस प्रकार के किए जा रहे मनमानेपन में कहीं ना कहीं जिला प्रशासन का भी बड़ा योगदान है, क्योंकि उसके सभी आदेश कागजों पर निर्गत हो जाते हैं और वह सिर्फ कागजी आदेश बन कर रह जाते हैं | क्योंकि उनका भौतिक सत्यापन करने कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं जाता है। जिसका अनुचित लाभ विद्यालय प्रबंधक एवं प्राचार्य लेते रहते हैं । कहीं पर वह बोर्ड परीक्षा के नाम पर विद्यालय खोलकर चला रहे हैं । तो कहीं पर विद्यालय संगठन के निरीक्षण के नाम पर।
ऐसे में अमेठी जनपद के कई विद्यालय लगातार खुले हैं कई विद्यालय तो ऐसे हैं जिनमें अभी तक जितनी छुट्टियां हुई है उनमें से एक दिन भी विद्यालय बंद नहीं हुआ है। शासन और प्रशासन के द्वारा जारी निर्देशों के क्रम में जब हमारे जिला संवाददाता ने विद्यालय में पहुंचकर रियलिटी चेक किया तो वहां पर कुछ और ही निकला | वहां पर जिन बच्चों की बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षा नहीं दी है। उन बच्चों की क्लासेज चल रही है ऐसे में विद्यालय प्रशासन द्वारा बताया गया कि विद्यालय संगठन का निरीक्षण होना है । इसलिए बच्चों को बुलाया गया है ऐसे में जब इस बाबत जिला विद्यालय निरीक्षक जयकरण लाल वर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बोर्ड परीक्षा के चलते कुछ विद्यालय खुले हैं। लेकिन वहीं पर कुछ विद्यालय ऐसे भी पता चले हैं जहां पर बोर्ड परीक्षा नहीं है । ऐसे विद्यालयों की जांच की जा रही है और सत्य पाए जाने पर उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी |
जिला विद्यालय निरीक्षक महोदय ने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया लेकिन ऐसे में यदि किसी भी बच्चे के साथ कोई हादसा हो जाता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा |
विद्यालय प्रशासन अथवा जिला प्रशासन इस बात का जवाब किसी के पास नहीं है। जैसे ही यह खबर बनना शुरू हुई तमाम विद्यालय में आनन-फानन में छुट्टी की घोषणा कर दी गई, लेकिन अभी भी कुछ विद्यालय ऐसे हैं जो निडर होकर संचालित कर रहे हैं | आखिर कब तक इस तरह से चलता रहेगा और विद्यालय प्रबंध तंत्र अपने मनमाने पन से बच्चों एवं अभिभावकों पर कहर बरपाता रहेगा। यह एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब किसी के पास नहीं है।