अमेठी : आखिर गरीबों के हक पर डाका क्यों ,कौन है जिम्मेदार
अमेठी : प्रदेश की सरकार भले ही हर गरीब को राशन के लिए करोड़ों रुपये खर्च रही है, लेकिन जनपद में अफसरों की लापरवाही से दबंग राशन डीलर गरीबों के हक पर डाका डाल रहे हैं। उन्हें किसी का डर नहीं है। उपभोक्ताओं का आरोप है कि कोटेदार इतने बेफिक्र हैं कि किसी से भी शिकायत करने की बात खुद कहते हैं।
ताजा मामला उत्तर प्रदेश के अमेठी से तब देखने को मिला जब लगभग एक दर्जन लोग राशन न मिलने से अमेठी तहसील में उप जिलाधिकारी से कोटेदार उत्तरगावँ के खिलाफ शिकायती पत्र लेकर मिलने पहुंच गए। लेकिन हद तो तब हो गयी जब उपजिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने उनकी सुनने से ही मना कर दिया और उनकी सुनने के बजाय उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।
जी हाँ ये वही अमेठी है जहाँ से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सांसद है। ये वही अमेठी है जिसे कभी कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था। ऐसे में जब देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ का ये कहना है कि हर जरूरतमंद तक राहत सामग्री पहुँचे। कहीं न कहीं यह मामला सरकार के मातहतों के ऊपर कई सवाल खड़ा कर रही है
हालांकि अमेठी के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने यहां पर अनाज भिजवाया था। राहुल गांधी ने सभी के लिए कई ट्रक अनाज जिसमें गेहूं चावल और मास्क शामिल थे। राहुल गांधी ने कहा था कि कहीं भी कोई भूखा नहीं रहना चाहिए। बावजूद इसके बहुत से लोगों को सरकार की तरफ से मदद नहीं मिल पा रही है। लोगों का आरोप है कि कोटेदार उनको राशन नहीं दे रहे हैं जिसकी शिकायत लेकर वह गए तो थे लेकिन उन्हें निराशा लेकर ही वापस आना पड़ा।