Amethi News: पहली बार जिला पंचायत अध्यक्ष कुर्सी पर बीजेपी का कब्जा

अमेठी. अमेठी (Amethi) जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव (Zila Panchayat Adhyaksh Chunav) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने धमाकेदार जीत दर्ज की. पार्टी प्रत्याशी राजेश अग्रहरि (Rajesh Agrahari) ने सपा प्रत्याशी शीलम सिंह को 27 वोट के बड़े अंतर से शिकस्त दी. राजेश को 31 व शीलम को मात्र चार वोट मिले. कुल पड़े 36 मतों में से एक वोट अवैध रहा. यह पहली बार है जब बीजेपी ने जिला पंचायत अध्यक्ष पर काबिज हुई है.

अमेठी में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी ने राजेश मसाला के मालिक राजेश अग्रहरि तो सपा ने गौरीगंंज के सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह की पत्नी शीलम सिंह को उम्मीदवार बनाया था. दोनों प्रत्याशियों ने नामांकन करने के बाद जिला पंचायत सदस्यों को अपने पाले में करने की कोशिश शुरू की थी. जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए शनिवार को कलेक्ट्रेट स्थित डीएम कोर्ट में वोट डाले गए. वोटिंग सुबह 11 बजे शुरू हुई. सबसे पहले एक नंबर वार्ड से सपा समर्थित सदस्य धर्मेंद्र कुमार, वार्ड संख्या 24 से डीडीसी राम सुफल व वार्ड संख्या 25 से डीडीसी केडी सरोज वोट डालने पहुंचे. इन लोगों से कुछ देर बार शीलम सिंह अकेले वोट डालने कलेक्ट्रेट पहुंचीं. इसके बाद बीजेपी प्रत्याशी राजेश अग्रहरि दो डीडीसी सदस्यों के साथ वोट डालने कलेक्ट्रेट पहुंचे. करीब दो बजे तक सभी 36 सदस्य अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके थे. तीन बजे के बाद डीएम कक्ष में ही पर्यवेक्षक सहदेव (सदस्य न्यायिक राजस्व परिषद प्रयागराज) की मौजूदगी में मतों की गिनती की गई. मतगणना के दौरान कुल पड़े 36 मतों में से बीजेपी प्रत्याशी राजेश को 31, सपा प्रत्याशी शीलम को चार वोट मिले. एक वोट अवैध पाया गया. मतगणना पूरी होने के बाद डीएम ने राजेश अग्रहरि को जीत का प्रमाण दिया.

जिले में बीजेपी समर्थित डीडीसी की संख्या भले ही आठ रही हो, लेकिन राजेश को मिले 31 वोटों ने यह साबित किया कि उन्हें बीजेपी के अलावा सपा के पांच, बसपा के तीन, कांग्रेस के दो, जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के एक व 13 निर्दलीयों का समर्थन मिला. 13 निर्दलीयों में सपा के वे तीन बागी भी शामिल थे जो पिछले दिनों राकेश प्रताप सिंह के साथ अखिलेश यादव से लखनऊ में मिले थे.

पहली बार लहराया बीजेपी का परचम
सुल्तानपुर की तीन व रायबरेली की दो तहसीलों को काटकर (हालांकि 2012 में प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुई सपा ने सलोन तहसील को पुन: रायबरेली में शामिल कर दिया था) एक जुलाई 2010 को अमेठी जिले का पुर्नगठन हुआ था. जिले का पुर्नगठन होने के तत्काल बाद हुए पंचायत चुनाव में कांग्रेस की कमला सरोज जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुई थीं. 2017 के चुनाव में गौरीगंज के सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह के सहयोग से शिवकली मौर्य जिला पंचायतअध्यक्ष निर्वाचित हुई थीं. मौजूदा चुनाव में भी जिले की 36 सीटों में से सपा को 9, भाजपा को 8, बसपा को तीन, कांग्रेस को दो व राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल का एक सदस्य निर्वाचित हुआ था. डीडीसी चुनाव मे सिर्फ 8 सीटें जीतने के बावजूद बड़ा उलटफेर करते हुए राजेश अग्रहरि बीजेपी का परचम लहराने में कामयाब रहे.

केंद्रीय मंत्री के करीबी होने का मिला फायदा
राजेश अग्रहरि साल 2014 में तब सपा छोड़कर बीजेपी में आए थे, जब स्मृति ईरानी लोकसभा चुनाव लडने अमेठी आई थीं. राजेश शुरू से ही स्मृति की कोर टीम में रहे. 2014 में चुनाव हारने के बावजूद स्मृति के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद तो राजेश का कद लगातार बढ़ता गया. पंचायत चुनाव के पहले भी राजेश को डीडीसी व बाद में जिला पंचायत अध्यक्ष का टिकट दिलाने में स्मृति की बड़ी भूमिका रही. स्मृति की मदद से शनिवार को राजेश जिला पंचायत अध्यक्ष बनने में सफल रहे.

बीजेपी कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर
राजेश अग्रहरि के जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित होने की सूचना सार्वजनिक होने के बाद बड़ी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता व राजेश समर्थक कलेक्ट्रेट मोड़ पर पहुंच गए. यहां कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़ने के साथ जमकर आतिशबाजी की. इसके बाद राजेश अग्रहरि का काफिला अमेठी कस्बे में पहुंचा जहां गाड़ी में सवार होकर राजेश अग्रहरि का जगह-जगह कार्यकर्ताओं और बीजेपी के लोगों ने जोरदार स्वागत किया.

Related Articles

Back to top button