अमेठी में हुए 4 हत्याकांड की अंदरूनी कहानी, और क्या वाकई खत्म हो गया अपराध?
‘जो आए उसे इतना मारो की लाश बन जाए’, लेडी डॉन बनकर प्रधान निर्देश देती रही और 20 मिनट में 4 लाशें इकट्ठा हो गईं
15 मार्च 2022, रात के आठ बजे थे। हनुमान यादव नाम का व्यक्ति अपने घर के सामने खड़ा था। करीब 25 लोगों ने आकर उसे घेर लिया। सबके हाथ में लाठी और डंडा था। वे हनुमान पर टूट पड़े। हनुमान चिल्लाया, ‘बचाओ, मार दिए।’
हनुमान के पिता, भाई और मां बचाने के लिए दौड़े तो हमलावर इन तीनों पर टूट पड़े। न सिर देखा न पीठ। पूरी ताकत से लाठियां चलाईं और सभी को मौत के घाट उतार दिया। ये कहानी 4 दिन पुरानी अमेठी जिले की है। आज हत्याकांड की इनसाइड स्टोरी बताएंगे…
इस हत्याकांड की वजह क्या थी
राजापुर मजरे गुगवाछ गांव अमेठी कोतवाली के अंतर्गत आता है। मजरे गुगवाछ गांव में 8 बिस्वा जमीन को लेकर दो पक्षों में विवाद चल रहा था। ये पक्ष जानी-दुश्मन नहीं बल्कि एक-दूसरे के पट्टीदार थे। एक पक्ष में संकठा यादव थे दूसरे पक्ष में रामदुलारे यादव। दोनों ही पक्ष आबादी की भूमि पर घर बनाकर रहते थे।
संकठा के घर के बगल एक हिस्सा ऐसा भी था जिसे रामदुलारे पक्ष अपना बताते हुए कब्जाने की कोशिश कर रहा था। वहां संकठा के बड़े बेटे हनुमान ने पिछले 15 साल से एक झोपड़ी बना रखी थी। यही इस हत्याकांड की वजह बन गई।
दो महीने पहले जो हुआ उसे पहले समझिए
जनवरी के आखिरी सप्ताह में रामदुलारे यादव ने विवादित भूमि पर निर्माण शुरू करवा दिया। संकठा ने रोकने की कोशिश की पर सफल नहीं हुए। संकठा के बड़े बेटे हनुमान प्रार्थना पत्र लेकर 6 फरवरी को अमेठी कोतवाली और SDM के पास पहुंच गए। किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की।
हनुमान दीवानी न्यायालय पहुंच गए। वहां से रामदुलारे को नोटिस आ गया। रामदुलारे ने काम बंद कर दिया, लेकिन 13 फरवरी से फिर से निर्माण शुरू कर दिया। 17 फरवरी को सिविल जज ने रामदुलारे को फिर से एक नोटिस थमा दिया। 13 मार्च को पुलिस ने दोनों पक्षों को बुलाया और मीटिंग करवाई। तय यह हुआ कि अब निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा।
जो भी सामने आए उसे मार देना है
15 मार्च की रात हनुमान विवादित भूमि पर मोरंग गिरवा रहा था। ये खबर रामदुलारे और प्रधान आशा तिवारी को लग गई। दोनों ने कई लोगों को इकट्ठा कर लिया। लाठी डंडे, धारदार हथियार का इंतजाम किया और करीब 25 की संख्या में पहुंच गए।
हनुमान को लाठियों से पीटा जाने लगा। हनुमान चिल्लाया तो पिता संकठा, मां पार्वती और भाई अमरेश खाली हाथ ही भागकर वहां पहुंचे। दबंग इन सभी पर टूट पड़े। हनुमान की मौके पर ही मौत हो गई। बाकी तीन की अस्पताल में। परिवार के ही तीन और लोग बुरी तरह से घायल हैं। लखनऊ ट्रामा सेंटर में उनका इलाज चल रहा है।
पिटाई के दौरान और मारो, जिंदा मत छोड़ो कह रही थी प्रधान
इस पूरे हत्याकांड में ग्राम प्रधान आशा तिवारी की भूमिका सबसे अहम है। ग्रामीण बताते हैं कि हत्या के लिए रामदुलारे परिवार को आशा तिवारी ने ही भड़काया था। जिस वक्त लोगों को मारा जा रहा था उस वक्त आशा तिवारी अपने पति रमाशंकर तिवारी और बेटे नितिन के साथ वहां मौजूद थी।
ग्रामीण बताते हैं कि पिटाई के दौरान आशा लोगों से कह रही थी कि जो भी आए उसे मार दो। उसका बेटा नितिन खुद भी लाठी लेकर पिटाई करने में लगा था।
विवादित जमीन पर निर्माण करना है तो आशा तिवारी को पैसा दीजिए
गांव के लोग बताते हैं कि आशा पहले होमगार्ड में थी। कभी अमेठी थाने तो कभी जिला मुख्यालय में ड्यूटी लगती थी। करीब छह महीने पहले प्रधानी का चुनाव लड़ा और जीत गई तो पूरा हाव-भाव ही बदल गया। गांव में कोई भी निर्माण शुरू होता तो आशा और उसके बेटे नितिन पहुंच जाते। काम बंद करने को कहा जाता। अगर सामने वाला व्यक्ति नहीं बंद करता तो आशा पुलिस के जरिए उसके काम को बंद करवा देती। इन सबके पीछे घूस वजह बताई गई।
संकठा के मामले में आशा का सीधा हस्तक्षेप
गांव के लोग कहते हैं कि रामदुलारे से विवादित भूमि पर निर्माण के लिए आशा तिवारी ने दो लाख रुपए लिए थे। इसलिए संकठा जब पुलिस को बुलाते तो काम रुक जाता, लेकिन जैसे ही पुलिस वापस जाती आशा फिर से काम शुरू करवा देती। वह कहती थी, ‘तुम बनाओ बाकी मैं देख लूंगीं।’ आशा की दबंगई कुछ ऐसी थी कि तीन महीने पहले उसने अमेठी तहसील में एक लेखपाल को चांटा मार दिया था। उस पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई थी
पुलिस मामले की गंभीरता को समझने में चूक गई
संकठा का परिवार हर कदम पर पुलिस से शिकायत करने पहुंचा। दीवानी न्यायालय तक पहुंचा। गांव में पुलिस के सामने पंचायत बुलाई। पुलिस मौके पर तो अपनी पावर का इस्तेमाल करते हुए चुप करवा देती थी, लेकिन दोनों पक्षों के अंदर जो आग भड़की हुई थी उसे पुलिस नहीं समझ सकी। यह बात पुलिस के आला अफसरों की कार्रवाई से भी लगता है।
हत्या के तुरंत बाद मौके पर पहुंचे IG रेंज अयोध्या कवींद्र प्रताप सिंह ने अमेठी कोतवाली के इंचार्ज विनोद कुमार सिंह, दरोगा संजय सिंह और सिपाही स्वतंत्र उपाध्याय को सस्पेंड कर दिया।
अब क्या होगा
IG रेंज अयोध्या कवींद्र प्रताप सिंह ने कि मानें तो किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। सभी की गिरफ्तारी होगी और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। आगे इस तरह की कोई घटना न हो इसके लिए प्रशासन को सख्त आदेश दिए जाएंगे।