भारत समेत अमेरिका-UK में लॉन्ग कोविड से सबसे अधिक पीड़ित, क्या है यह ‘खामोश महामारी’?
कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बावजूद दुनियाभर में लाखों लोग लॉन्ग कोविड से पीड़ित हैं। हर देश में ऐसे पीड़ितों की भारी संख्या को देखते हुए इसे अपने आप में एक ‘खामोश महामारी’ करार दिया जा रहा है। लॉन्ग कोविड से पीड़ित लोगों की संख्या सबसे अधिक अमेरिका, भारत और ब्रिटेन में है। इसके चलते अस्पताल में भर्ती कराने और गहन ऑपरेशन की भी जरूरत पड़ सकती है। अमेरिका में हुए एक अध्ययन के मुताबिक लाखों अमेरिकी इससे पीड़ित हुए हैं। अमेरिका पहला देश है जिसने लॉन्ग कोविड के मरीजों को शारीरिक अक्षमता की श्रेणी में शामिल किया है।
क्या है लॉन्ग कोविड:
लॉन्ग कोविड से आशय कोरोना सक्रमण से ठीक होने के बावजूद कई हफ्तों और कभी-कभी कई महीनों तक तरह-तरह की शारीरिक समस्याओं का सामना करने से है। ये समस्याएं स्वाद और गंध की क्षमता में मामूली कमी या बदलाव से लेकर काफी गंभीर स्तर की होती हैं।
लॉन्ग कोविड का कारण :
लॉन्ग कोविड क्यों होता है? इसका कोई सीधा जवाब नहीं है। एक अनुमान के मुताबिक कुछ लोगों का इम्युन सिस्टम ज्यादा सक्रिय हो जाता है, तो वह ना केवल कोरोना वायरस को मारता है, बल्कि अपने ही शरीर के ऊतकों को नुकसान पहुंचाने लगता है। दूसरी थ्योरी यह है कि संक्रमण से उबरने के बावजूद कोरोना निष्क्रिय रूप से शरीर में पड़ा रहता है और अंगों को नुकसान पहुंचाता है जैसे कि हरपीज नामक वायरस के केस में ऐसा होता है। लेकिन अभी इस बारे में कुछ साफ नहीं है।
किसे होता है लॉन्ग कोविड:
इस मुद्दे पर अभी तस्वीर साफ नहीं है। लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि यह काफी हद तक उम्र पर निर्भर करता है। विश्लेषण के मुताबिक 20 से 30 साल की उम्र के लोगों में एक-दो फीसदी लोग लॉन्ग कोविड से पीड़ित पाए गए, जबकि 60 साल पार वालों में यह प्रतिशत पांच फीसदी पाया गया।
भारत में पीड़ितों की बड़ी संख्या:
भारत में बड़ी संख्या में लोग लॉन्ग कोविड से पीड़ित पाए गए। एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया के हवाले से प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती भारतीयों में से 40 से 60 फीसदी लोगों ने ठीक होने के 12 हफ्ते बाद तक तरह-तरह की समस्याओं का सामना किया। 10-15 फीसदी लोगों को तीन महीने बाद भी शारीरिक समस्यायों से जूझना पड़ा।
क्या है इलाज:
लॉन्ग कोविड का कोई निश्चित इलाज नहीं है। बल्कि लक्षणों के आधार पर इसका इलाज किया जाता है। एम्स के डॉ. राजेश मल्होत्रा कहते हैं कि लॉन्ग कोविड के मरीजों को समस्या होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए ताकि मामले को गंभीर होने से रोका जा सके।
हर 20 में से एक को भर्ती कराने की जरूरत
ब्रिटेन में कार्यरत डॉ. माइकल फर्टल मैन कहते हैं कि कोरोना से उबरने के बाद लॉन्ग कोविड की समस्या से पीड़ित हर 20 लोगों में से एक को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ रही है। डॉ. माइकल के मताबिक इससे पीड़ित लोगों में हृदयघात की समस्या भी देखने को मिल रही है। लॉन्ग कोविड से जुड़े प्रमुख तथ्य ये हैं–
वुहान में एक चौथाई लोग अब भी पीड़ित:
महामारी के पहले केंद्र चीन के वुहान शहर में संक्रमण से ठीक होने वाले एक चौथाई लोग आज भी तरह-तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
बालों की खूबसूरती को खतरा:
लॉन्ग कोविड के प्रमुख लक्षणों में अधिक मात्रा में बाल झड़ना भी शामिल है। कोरोना संक्रमण से उबर चुकी अमेरिकी अभिनेत्री एलिसा मीलानो कहती हैं- कोरोना संक्रमण बालों की सुंदरता के लिए नुकसानदेह है, ठीक होने के बाद प्रतिदिन कंघी करने के दौरान मेरे सिर के बाल बहुत ज्यादा झड़ रहे हैं।
लॉन्ग कोविड के प्रमुख लक्षण
सांस फूलना, दिल की धड़कना बढ़ना, मानसिक भ्रम, स्वाद-गंध की क्षमता खोना, सिर और सीने में दर्द, जोड़ों में दर्द, बुखार और सुस्ती, एकाग्रता में कमी, याददाश्त में कमी, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल- लॉन्ग कोविड के प्रमुख लक्षण हैं।