कहीं का नही रहा पाकिस्तान, अमेरिका ने 370 को बताया भारत का आंतरिक मामला
कश्मीर के मामले में हमेशा से ही अमरीका भारत-पाकिस्तान के बीच समझौते की कोशिशों में लगा रहता है और शायद इसलिए भारत के अनुच्छेद 370 हटाने के मामले में भी पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र और अमरीका का मुँह ताक रहा है | लेकिन इस बार डूबते पाकिस्तान को इस तिनके का सहारा मिलता भी नज़र नहीं आ रहा |
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टेगस ने जम्मू-कश्मीर के घटनाक्रम पर बेहद सतर्कता के साथ प्रतिक्रिया दी |
मॉर्गन ऑर्टेगस ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के घटनाक्रम पर हम करीबी से नजर बनाए हुए हैं | जम्मू-कश्मीर को मिले संवैधानिक अधिकार को खत्म करने की भारत की घोषणा का हमने संज्ञान लिया है |” इसके आगे उन्होंने कहा कि इस संज्ञान के अनुसार भारत सरकार ने इस कदम को “सख्त तौर पर अपना आंतरिक मामला” बताया है | अमरीका ने छिपे शब्दों में कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्म करना भारत का आंतरिक मामला कहकर पल्ला झाड़ लिया है |
इसके साथ ही प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टेगस ने कश्मीर के इस मामले के घटनाक्रम को लेकर चिंता जताई है | शांति और स्थिरता बनाये रखने की अपील करते हुए उन्होंने कहा,” जम्मू-कश्मीर में कुछ लोगों को हिरासत में लिए जाने की खबरों को लेकर हम चिंतित हैं, हम अपील करते हैं कि व्यक्तिगत अधिकारों का आदर किया जाए और प्रभावित लोगों के साथ बातचीत की जाए | अमेरिका ने बिना पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि हम इस मुद्दे पर संबंधित सभी दलों से आग्रह करते हैं कि नियंत्रण रेखा पर शांति कायम रखी जाए | ”
अमरीका के इस बयान पर पाकिस्तानी अखबार ने निराशा जताई है | शीर्षक “India calls actions in Kashmir internal matter: US” के साथ उन्होंने लिखा है कि वॉशिंगटन द्वारा जारी किए गए बयान में इस मसले पर भारत का पक्ष तो रखा गया है लेकिन पाकिस्तान के रुख का जिक्र तक नहीं किया गया है | पाकिस्तानी अखबार ने लिखा, इस बयान में अमेरिका राष्ट्रपति ट्रंप के कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के प्रस्ताव का जिक्र करना भी भूल गया |
गौरतलब है कि 22 जुलाई को राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए कहा था | हालांकि, भारत ने कुछ घंटों के भीतर ही ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया था | इसी सप्ताह ट्रंप ने फिर से कश्मीर मध्यस्थता का राग छेड़ा था और कहा था कि अगर दोनों देश चाहें तो वह मदद करने के लिए तैयार हैं |