“हॉकी में 52 साल बाद कमाल, टीम इंडिया ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर रचा इतिहास”

भारत ने लगातार दूसरे ओलंपिक खेलों में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर एक नया अध्याय लिखा है। पेरिस ओलंपिक्स 2024 में टीम इंडिया ने स्पेन को 2-1 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया।

भारत ने लगातार दूसरे ओलंपिक खेलों में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर एक नया अध्याय लिखा है। पेरिस ओलंपिक्स 2024 में टीम इंडिया ने स्पेन को 2-1 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। यह लगातार दूसरा मौका है जब भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता है, इससे पहले 2020 के टोक्यो ओलंपिक्स में भी टीम ने यह कारनामा किया था। पिछले 52 वर्षों में यह पहली बार हुआ है जब भारत ने लगातार दो ओलंपिक खेलों में पदक हासिल किया है। इस मैच में भारत के लिए दोनों गोल कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने किए, जिन्होंने दो बार पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील किया।

1972 के बाद का इतिहास
1972 के बाद यह पहली बार है जब भारतीय हॉकी टीम ने लगातार दो ओलंपिक मेडल जीते हैं। टोक्यो ओलंपिक्स और पेरिस ओलंपिक्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर टीम इंडिया ने अपने शानदार प्रदर्शन को दोहराया। 1950, 1960 और 1970 के दशकों में भी भारतीय हॉकी का दबदबा रहा था, और अब एक बार फिर भारतीय टीम ने अपने पुराने गौरव को वापस पाया है।

भारत की हॉकी परंपरा
भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक खेलों में पदक जीतने की शुरुआत 1948 में की थी, और 1972 तक कोई न कोई मेडल हासिल करती रही। इस अवधि में भारत ने हॉकी में 3 गोल्ड, 3 ब्रॉन्ज और एक सिल्वर मेडल जीते थे, जिससे लगातार 7 ओलंपिक खेलों में पदक जीतने का रिकॉर्ड बना था।

भारत का 13वां ओलंपिक हॉकी मेडल
ओलंपिक खेलों में भारत की सबसे बड़ी सफलता हॉकी में ही रही है। 2024 में भारतीय हॉकी टीम ने अपना 13वां ओलंपिक मेडल जीता है। इसके बाद शूटिंग में भारत को 7 ओलंपिक मेडल मिले हैं। भारत के सबसे अधिक ओलंपिक गोल्ड मेडल भी हॉकी में ही आए हैं, जिसमें टीम इंडिया ने कुल 8 स्वर्ण पदक जीते हैं।

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