अमरिन्दर सिंह ने प्रधानमंत्री से किसानों को लेकर कही ये बात
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आन्दोलनकारी किसानों की शिकायतों को दूर करके उनके मसले का जल्द हल निकालने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री ने नीति आयोग की वर्चुअल बैठक में सरकार के रूख को दोहराते हुये कहा कि कृषि राज्यों का विषय है और इस बारे में कोई भी कानून बनाने का अधिकार संविधान में दर्ज सहकारी संघवाद की सच्ची भावना के अनुसार राज्यों पर छोड़ देना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा पंजाब विधानसभा में गत अक्तूबर में केंद्रीय कानूनों में किए गए संशोधन पास किये जाने की तरफ ध्यान दिलाया।
कैप्टन सिंह स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण बैठक में हिस्सा नहीं ले सके। उन्होंने कहा कि कोई भी सुधार सभी सम्बन्धित पक्षों के साथ विस्तृत बातचीत के द्वारा ही किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों में विश्वास पैदा करने और ऐसे किसी भी शंका को दूर करने के लिए भारत सरकार की तरफ से कदम उठाए जाएँ।
उन्होंने कहा कि धान की पराली का प्रबंधन मुआवज़ा के तौर पर खरीद किये गए धान पर प्रति क्विंटल 100 रुपए का बोनस दिया जाये । राज्य को वायबिलिटी गैप फंड (वी.जी.एफ.) के तौर पर राज्य को बायो मास बिजली प्रोजेक्टों के लिए वित्तीय सहायता के तौर पर प्रति मेगावाट 5 करोड़ रुपए और बायो मास सोलर हाइब्रिड प्रोजेक्टों के लिए प्रति मेगावाट 3.5 करोड़ रुपए दिए जाएँ जिससे उपलब्ध धान की पराली के इस्तेमाल के द्वारा पराली जलाने से होने वाले नुकसान से बचा जा सके और किसानों की अच्छी आय भी हो।
कैप्टन सिंह ने केन्द्र से आग्रह किया कि एजेंसियां नामित की जायें ताकि गेहूँ और धान से आय के साथ मेल खाती एम.एस.पी. पर खरीद की जाये जिससे किसानों को वैकल्पिक फसलों की काश्त करने के लिए प्रोत्साहन मिल सके जिससे फ़सलीय विभिन्नता को मज़बूती मिलेगी और पानी जैसे बहुमूल्य स्रोत की भी बचत होगी। करने की भी माँग की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के एक अहम प्रोजैक्ट-‘पानी बचाओ पैसा कमाओ’, को राष्ट्र्रीय प्रोजैक्ट समझा जाये जिसके लिए 433 करोड़ रुपए की व्यवहार्यता रिपोर्ट राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय जल आयोग को भेजी जा चुकी है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि वैकल्पिक फसलों जैसे कि मक्का के लिए कम कीमत समर्थन (डैफीशैंसी प्राइस स्पोर्ट) का ऐलान किया जाये जिससे किसानों को अधिक पानी की लागत वाली धान की फसलों के चक्र में से निकलने में मदद मिल सके।
उन्होंने एम.एस.एम.ई. क्षेत्र के तर्ज पर कलस्टर विकास स्कीम शुरू करने के लिए भी केंद्र सरकार को कहा जिससे प्रत्येक कृषि कलस्टर में साझा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र की मदद हो सके जिससे राज्य में स्थापित तीन मेगा फूड पार्कों को लाभ होगा।