“ED के सामने अमानतुल्लाह खान की शर्त: ‘पहले गारंटी दो कि मेरी सास नहीं मरेंगी'”
इस घटना ने दिल्ली की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है और वक्फ बोर्ड घोटाले की जांच को लेकर सियासी माहौल और भी गरमा गया है।
घटना का विवरण:
दिल्ली में कथित वक्फ बोर्ड घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्लाह खान के घर पर छापा मारा, जिससे उच्च-स्तरीय ड्रामा हुआ।
- ईडी की छापेमारी: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने अमानतुल्लाह खान के घर पर छापेमारी के लिए पहुंचने के बाद माहौल गर्म हो गया। ईडी वक्फ बोर्ड घोटाले की जांच कर रही है और अमानतुल्लाह खान का नाम इस मामले में शामिल होने के कारण उनकी जांच की जा रही है।
- अमानतुल्लाह खान की प्रतिक्रिया: ईडी अधिकारियों के पहुंचने के बाद, अमानतुल्लाह खान ने मीडिया के सामने अपनी आपत्ति जताई। उन्होंने अधिकारियों के समक्ष एक अजीब शर्त रखी कि पहले यह गारंटी दी जाए कि उनकी सास की तबियत ठीक रहेगी और उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा। यह शर्त तब सामने आई जब ईडी के अधिकारियों ने उनके घर में तलाशी अभियान शुरू किया।
- हाई वोल्टेज ड्रामा: अमानतुल्लाह खान ने इस छापेमारी को राजनीतिक प्रतिशोध और साजिश करार देते हुए इसका विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि छापेमारी का उद्देश्य उनकी छवि को खराब करना और उनके खिलाफ सियासी षड्यंत्र रचना है। इस दौरान खान ने मीडिया के सामने भावुक होकर कहा कि उनके परिवार की सुरक्षा और उनके बुजुर्ग माता-पिता की सेहत की चिंता की जानी चाहिए।
- आप और विपक्ष की प्रतिक्रियाएँ: आम आदमी पार्टी ने इस छापेमारी को राजनीतिक प्रतिशोध बताया और आरोप लगाया कि बीजेपी और केंद्र सरकार उनके खिलाफ एक योजनाबद्ध अभियान चला रही है। दूसरी ओर, विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर आलोचना की और इसे सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग का उदाहरण बताया।
- जांच की स्थिति: ईडी अधिकारियों ने कहा कि उनकी कार्रवाई कानून के तहत और जांच के उद्देश्य से की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे किसी भी राजनीतिक दबाव या हस्तक्षेप से परे रहकर निष्पक्ष जांच कर रहे हैं।