बेटे पर FIR के बाद डॉ. रमन की चेतावनी:पूर्व CM ने कहा- गांव-गांव में विस्फोटक होगी स्थिति,
एक समूह को प्रताड़ित किया जा रहा; कवर्धा हिंसा में हो ज्यूडिशियल इनक्वायरी
कवर्धा में 3 अक्टूबर को हिंसक झड़प के बाद से लगातार सियासी हंगामा जारी है। पुलिस ने पूर्व सांसद और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया है। शुक्रवार को सामने आई इस खबर के बाद डॉ. रमन सिंह की प्रतिक्रिया भी सामने आई। रायपुर में मीडिया से बात करते हुए चेतावनी के लहजे में डॉ. रमन बोले- एक समूह को प्रताड़ित किया जा रहा है, गांव-गांव में स्थिति विस्फोटक होगी। आज तो हम शांति से हल ढूंढना चाहते हैं।
उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि जिस तरह से प्रशासन का उपयोग राजनीतिक दृष्टि किया जा रहा है ये स्थिति को खराब कर रहे हैं। 70 बच्चों को गिरफ्तार किया गया है। ये ठीक नहीं है। जब तक कवर्धा हिंसा मामले में ज्यूडिशियल इनक्वायरी नहीं होगी तब तक निराकरण नहीं होगा।
राज्यपाल से मिले भाजपा नेता।
शुक्रवार रात भाजपा नेताओं का प्रतिनिधि मंडल राजभवन पहुंचा। वहां राज्यपाल से मुलाकात के बाद इस मामले में दखल देने को कहा। इस प्रतिनिधि मंडल में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा, सांसद संतोष पाण्डेय, सुनील सोनी, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, भाजपा प्रदेश मंत्री विजय शर्मा, भाजपा जिला अध्यक्ष कवर्धा अनिल सिंह, पूर्व विधायक अशोक साहू, मोतीलाल चंद्रवंशी शामिल थे। प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल अनुसुईया उइके से इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
डॉ. रमन के बेटे व पूर्व सांसद अभिषेक कवर्धा में 5 अक्टूबर की रैली में दिखे थे।
अभिषेक सिंह बोले- कौन अशांति फैला रहा सबको पता है
डॉ. रमन के बेटे पूर्व सांसद अभिषेक सिंह ने मीडिया से कहा कि कवर्धा एक शांति के टापू के रूप में जाना जाता है। इसे कौन अशांत बना रहा है और इसके लिए कौन जिम्मेदार है, वे लोग सबके सामने हैं। कांग्रेस सरकार के दबाव में एकतरफा कार्रवाई की जा रही है। क्षेत्र के ऐसे जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी कार्यवाही की जा रही है, जो वातावरण को बेहतर बनाने में जुटे हुए है। जो बेहद ही शर्मनाक और निंदनीय है।
मो. अकबर बोले- जाना जरूरी नहीं, मैं मिनट-टू-मिनट जानकारी ले रहा
कवर्धा हिंसा मामले में मंत्री और कवर्धा से ही विधायक मो. अकबर का भी बयान सामने आया। उन्होंने रायपुर स्थित अपने सरकारी बंगले में मीडिया से कहा हम वहां जल्द जाएंगे, शांति व्यवस्था विधायक और सरकार की जिम्मेदारी है। जाकर खुद को दिखाने से कुछ नहीं होता, मैं मिनट-टू-मिनट जानकारी ले रहा हूं। जिस झंडे को हटाने से विवाद हुआ उसे मैंने ही दोबारा लगवाया। वहां के लोग शांतिप्रिय हैं। IG विवेकानंद सिन्हा ने कहा है कि पूरा मामला प्रायोजित था। लोग रायपुर के माना, गुढ़ियारी, बेमेतरा से मुंगेली से वहां पहुंचे थे। वो क्या करने गए थे। इसकी इन्वेस्टिगेशन हो रही है, सब साफ हो जाएगा।
एक युवक को भीड़ ने पीटा था।
क्या हुआ था कवर्धा में
पूरा विवाद 3 अक्टूबर को वार्ड नंबर 27 के लोहारा नाका चौक इलाके में झंडा लगाने को लेकर शुरू हुआ था। रविवार दोपहर कुछ युवकों ने अपना झंडा चौराहे पर लगा दिया। इसी बात को लेकर दो गुटों के युवक सड़क पर लाठी-डंडे लेकर उतर आए। एक दूसरे को पीटा। पत्थरबाजी हुई। पुलिस की आंखों के सामने एक युवक को भीड़ पीटती रही। मारपीट में 8 लोग घायल हुए हैं। इसके बाद सोमवार को शांति समिति की बैठक भी बुलाई गई थी। 5 अक्टूबर को जिले में कुछ संगठनों ने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान हिंसक घटनाएं हुई। गाड़ियों में तोड़-फोड़ भी की गई। अब जिले में इंटरनेट सेवा बंद है। कर्फ्यू भी लगा हुआ है।
इन भाजपा नेताओं के खिलाफ FIR
कर्वधा शहर में 5 अक्टूबर को हुए उपद्रव के बाद पुलिस ने 3 अलग-अलग FIR दर्ज की थी। भाजपा ने जब FIR की कॉपी कोर्ट से निकलवाई, तो पता चला कि वरिष्ठ नेताओं का नाम भी जोड़े गए हैं। इनमें सांसद संतोष पांडेय, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, पूर्व विधायक मोतीराम चंद्रवंशी, अशोक साहू, प्रदेश मंत्री विजय शर्मा, जिलाध्यक्ष अनिल सिंह, भाजयुमो जिलाध्यक्ष पीयूष ठाकुर, VHP जिला प्रमुख नंदलाल चंद्राकर सहित कैलाश चंद्रवंशी, राजेंद्र चंद्रवंशी, पन्ना चंद्रवंशी, उमंग पांडेय, राहुल चौरसिया, भुनेश्वर चंद्राकर के नाम शामिल हैं।
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