उद्धव ठाकरे की PM को चिट्ठी-ऑक्सीजन एयरलिफ्ट करने की दें अनुमति
मुंबई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखकर कहा है कि राज्य में अगले 15 दिनों में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या दोगुनी होने की आशंका है. ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक पत्र में बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र में 30 अप्रैल तक उपचाराधीन मरीजों की संख्या 11.9 लाख होने की आशंका है. इस समय उपचाराधीन मरीजों की संख्या 5.64 लाख है.
उन्होंने कहा कि राज्य में चिकित्सीय ऑक्सीजन की आवश्यकता अप्रैल-अंत तक 2,000 मीट्रिक टन प्रतिदिन तक पहुंचने का अनुमान है जिसकी मौजूदा खपत 1,200 मीट्रिक टन प्रतिदिन है. पड़ोसी राज्यों से तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन के परिवहन में कुछ बाधाओं का हवाला देते हुए ठाकरे ने देश के पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों में इस्पात संयंत्रों से ऑक्सीजन को हवाई मार्ग से लाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत अनुमति मांगी.
स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को कहा था कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच महाराष्ट्र सरकार ने चिकित्सीय ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए पड़ोसी राज्यों का रूख किया था, लेकिन उन्होंने वहां इसकी अधिक मांग के कारण आपूर्ति में असमर्थता व्यक्त की. मोदी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने रेमडेसिविर के निर्यात पर प्रतिबंध संबंधी केन्द्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया और मांग की कि अधिकारियों को भारतीय पेटेंट अधिनियम 1970 की धारा 92 के अनुसार, निर्यात इकाइयों को उत्पादन और बिक्री के लिए अनुमोदन प्रदान करने के लिए अनिवार्य लाइसेंस दिया जाए.
कोविड-19 को प्राकृतिक आपदा माने सरकार- उद्धव
उन्होंने केन्द्र से अनुरोध किया है कि वह कोविड-19 को प्राकृतिक आपदा माने जिससे सरकार राज्य प्राकृतिक आपदा कोष (एसडीआरएफ) का उपयोग प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता देने में करे. एक सरकारी अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम का गठन केंद्रीय आपदा प्रबंधन कानून के हिस्से के तौर पर किया गया था, इसलिये महामारी प्रभावित लोगों की मदद के लिये एसडीआरएफ के उपयोग को लेकर राज्य को केंद्र सरकार की मंजूरी की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने केंद्र को बुधवार को यह पत्र मंजूरी के लिये लिखा था. फिलहाल बाढ़, आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं, भारी बारिश के जहां जान-माल का नुकसान हुआ हो, प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में आते हैं और प्रभावित लोगों को आर्थिक मुआवजा उपलब्ध कराया जाता है.