इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा, पुलिस की बर्बरता का जवाब दे योगी सरकार
नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के साथ हुई हिंसा का मामला इलाहाबद हाई कोर्ट तक पहुँच गया है। आंदोलनकारियों के साथ पुलिस की बर्बर कार्यवाई को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने योगी सरकार से जवाब माँगा है। इस मामले की सुनवाई 16 जनवरी को होगी।
मुंबई के एक अधिवक्ता अमित कुमार ने कई अखबारों में छपी ख़बरों की बिनाह पर मुख्य न्यायाधीश को ईमेल में यूपी हिंसा को लेकर जांच की अर्ज़ी दाखिल की थी। इस ईमेल में उन्होंने एक पत्र के साथ कई प्रतिष्ठित अखबारों में प्रकाशित समाचारों का हवाला दिया था। इन ख़बरों में यूपी पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर बर्बर कार्यवाई करने का आरोप लगाया गया है। उनके ईमेल- पत्र पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की पीठ ने योगी सरकार से जवाब माँगा है।
गौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई 16 जनवरी को होगी। पीठ ने इलाहाबाद हाइकोर्ट के अधिवक्त फरमान नकवी और रमेश कुमार यादव को याचिका में न्याय मित्र नियुक्त किया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट की रजिस्ट्री को सभी संबंधित दस्तावेज न्याय मित्रों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। बता दें कि अधिवक्त अमित कुमार ने इस पत्र में लिखा था कि दुनिया भर में देश की छवि धूमिल हो रही है।