‘मर्डर वेपन’ पर निहंगों का झूठ:सिंघु बॉर्डर हत्या मामले में जो तलवार पुलिस को सौंपी गई,

उससे नहीं हुआ था लखबीर का कत्ल

सिंघु बॉर्डर पर 2 दिन पहले हुई लखबीर सिंह की हत्या के केस में सरेंडर करने वाले चारों निहंगों से पुलिस अलग-अलग पूछताछ कर रही है। पुलिस के लिए हत्या में इस्तेमाल हथियारों को बरामद करना भी बड़ी चुनौती है। शुक्रवार शाम को सरबजीत सिंह के सरेंडर के दौरान निहंगों के डेरे में पुलिस को एक तलवार दी गई थी। पुलिस को बताया गया था कि उसी तलवार से लखबीर की हत्या की गई थी।

शुक्रवार शाम को निहंग सरबजीत सिंह के सरेंडर के समय निहंगों की ओर से पुलिस को मर्डर वेपन के रूप में एक तलवार सौंपी गई थी।

पुलिस और फॉरेंसिक टीमों ने जब उस तलवार की जांच की तो स्पष्ट हो गया कि लखबीर काे उससे नहीं मारा गया। ऐसे में लखबीर के हाथ-पैर काटने समेत उसके शरीर पर जिन हथियारों से वार किए गए, उनकी रिकवरी होनी अभी बाकी है। इसके लिए पुलिस की टीम फिर से सिंघु बॉर्डर पर निहंगों के डेरे में जा सकती है। सोनीपत के सीआईए-2 थाने में रोहतक रेंज के IG संदीप खिरवार और सोनीपत के SP जशनदीप सिंह रंधावा खुद चारों निहंगों से सवाल-जवाब कर रहे हैं।

अमृतसर में पुलिस की गाड़ी में बैठने से पहले नारे लगाता निहंग नारायण सिंह।

अन्य तीनों निहंग 6 दिन के रिमांड पर
शनिवार को अमृतसर में सरेंडर करने वाले निहंग नारायण सिंह को पुलिस सोनीपत ले आई। नारायण सिंह और शनिवार रात सिंघु बॉर्डर पर सरेंडर करने वाले दो अन्य निहंगों भगवंत सिंह और गोबिंदप्रीत सिंह को रविवार को एक साथ ड्यूटी मजिस्ट्रेट किमी सिंगला की कोर्ट में पेश किया गया। लगभग घंटेभर चली सुनवाई के बाद अदालत ने तीनों को 6 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। शुक्रवार शाम को सरेंडर करने वाले निहंग सरबजीत सिंह को पहले ही 7 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया जा चुका है।
कोर्ट में पेशी के बाद बाहर आते आरोपी निहंग।

हत्या में शामिल और लोगों के नाम पता लगाने की कोशिश
सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार तड़के साढ़े 3 बजे लखवीर सिंह की हत्या कर दी गई थी। हत्या से पहले उसका एक हाथ और पैर भी काट दिया गया। निहंगों का आरोप है कि लखबीर ने गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की, जिसकी सजा उसे दी गई। इस मामले में अब तक 4 निहंग सरबजीत सिंह, नारायण सिंह, भगवंत सिंह और गोबिंदप्रीत सरेंडर कर चुके हैं।

पुलिस सरेंडर करने वाले चारों निहंगों से पूछताछ कर यह जानना चाह रही है कि इस हत्या में उनके साथ और कौन-कौन लोग शामिल थे। चारों से अलग-अलग पूछताछ में जो जानकारियां मिलेंगी, उसे क्रॉस वैरिफाई करने के लिए बाद में चारों को आमने-सामने बैठाकर भी सवाल जवाब किए जाएंगे। पुलिस हत्या का सीन रिक्रिएट करने के लिए चारों निहंगों को सिंघु बॉर्डर पर भी ले जाएगी।

निहंगों की पेशी के दौरान मीडियाकर्मियों को मौके से दूर ही रखा गया।

नारायण सिंह रात 9.30 बजे सोनीपत पुलिस को हैंडओवर
अमृतसर रूरल के एसएसपी सतीश कौशिक ने बताया कि सोनीपत पुलिस की एक टीम शनिवार रात तकरीबन 8 बजे अमृतसर पहुंची थी। इसके बाद सरेंडर करने वाले निहंग नारायण सिंह का मेडिकल करवाया गया। लगभग डेढ़ घंटे में पेपर वर्क पूरा करने के बाद रात साढ़े 9 बजे निहंग नारायण सिंह सोनीपत पुलिस को हैंडओवर कर दिया गया। रात 10 बजे सोनीपत पुलिस नारायण सिंह को लेकर अमृतसर से रवाना हो गई। नारायण सिंह को ट्रांजिट रिमांड पर सोनीपत पुलिस को सौंपा गया।

निहंगों की पेशी के दौरान मीडियाकर्मियों को उनसे दूर रखने की कोशिश करती पुलिस।

कोर्ट की सुरक्षा कड़ी की गई
पुलिस ने नारायण सिंह, भगवंत सिंह और गोबिंदप्रीत सिंह को सोनीपत कोर्ट में पेश कर उनका पुलिस रिमांड लिया। तीनों की पेशी को देखते हुए सोनीपत कोर्ट परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। कोर्ट में रविवार की छुट्‌टी होने के कारण तीनों को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। शनिवार को अदालत में पेशी के बाद वापस ले जाते समय मीडियावालों की धक्का-मुक्की में निहंग सरबजीत सिंह की पगड़ी उतर गई थी, जिसके बाद वह गाली-गलौज पर उतर आया था। ऐसे में पुलिस ने रविवार को नारायण सिंह, भगवंत सिंह और गोबिंदप्रीत सिंह की पेशी को देखते हुए अतिरिक्त सावधानी बरती।

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