सलमान खुर्शीद की किताब देशभर में हो सकती है बैन!:
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल बोले- समाज के लायक नहीं ये किताब, प्रतिबंध पर चर्चा होगी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की किताब ‘सनराइज ओवर अयोध्या: नेशनहुड इन ऑवर टाइम्स’ पर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। मध्यप्रदेश के बाद अब इस पर देश भर में भी बैन लग सकता है।
सांस्कृतिक एवं संसदीय राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा है कि ये किताब समाज में आने लायक नहीं है। इस विषय पर चर्चा होगी। साहित्य अकादमी इस किताब पर बैन लगाने पर निर्णय करेगी। मेघवाल शनिवार को जबलपुर दौरे पर थे।
दोमुंही विचाराधारा की राजनीति कांग्रेस को डुबो देगी
मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से दोमुंही विचाराधारा की राजनीति करती रही है। यही उसकी हार का कारण भी है। केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद को कश्मीरी पंडितों का पलायन नहीं दिखता। सलमान खुर्शीद ने किताब लिखकर जो थॉट प्रस्तुत किया, वही कांग्रेस की असली पहचान है। वे फायदे के लिए कभी साॅफ्ट हिंदुत्व की बात करेंगे, तो कभी हिंदुओं को गाली देने वाले के साथ भी खड़े दिखेंगे।
हिंदुत्व की आतंकी संगठन ISIS और बोको हरम से तुलना
बता दें कि सलमान खुर्शीद की किताब “द सैफ्रन स्काई चैप्टर’ में हिंदुत्व की आतंकी संगठन ISIS और बोको हरम से तुलना की गई। इस किताब को लेकर बीजेपी बेहद नाराज व आक्रामक है। इससे पहले मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा किताब पर बैन लगाने की बात कह चुके हैं।
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केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल जबलपुर में बीजेपी विधायक अजय विश्नोई से बात करते हुए।
कांग्रेस परिवारवाद से आगे की सोच ही नहीं पाती
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस परिवारवाद के आगे सोच ही नहीं पाती। इस कारण वह भटक गई है। यूपी जैसे बड़े राज्य में जहां से नेहरूजी, राजीव गांधी, इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी जीत कर आए। वहां कांग्रेस है ही नहीं। कांग्रेस हमेशा से समाज को दो खेमे में बांटने का प्रयास करती रही है। यूपी समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले “हिन्दू धर्म’ ओर “हिन्दुत्व’ को बहस का मुद्दा बनाने के लिए कांग्रेस खुलकर आगे आ गई है।
गोंड राजा शंकर शाह व कुंवर रघुनाथ शाह को अंग्रेजों ने तोप से उड़ा दिया था। अब उनके बलिदान स्थल को सांस्कृतिक मंत्रालय करेगा विकसित।
शंकरशाह-रघुनाथ शाह और नेताजी की यादें जबलपुर में विकसित करेंगे
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान ऐसे हीरो, जिन्होंने 1857 के बाद या इससे पहले स्वतंत्रता आंदोलन की लड़ाई लड़ी। जो इतिहास के पन्नों में जगह नहीं पा सके। ऐसे हीरो को चिन्हित करेंगे। लिटरेचर भी छापेंगे और उनके गौरव स्थान को विकसित भी करेंगे। गोंड राजा शंकरशाह व रघुनाथ शाह जैसे हीरो को सम्मानित करेंगे।
जबलपुर में इस स्थान को विकसित करने का काम संस्कृति मंत्रालय करेगा। साथ ही, हमारे आजादी के नायकों में सबसे प्रमुख नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बैरक को भी हम और अच्छे तरीके से विकसित करेंगे। जबलपुर में उनकी यादों से जुड़े स्थलों को नई पहचान दिलाएंगे। नेताजी को जो सम्मान मिलना चाहिए, वह कभी नहीं मिल पाया।
भाजपा ने आदिवासियों के बारे में सोचा इसलिए 15 नवंबर का दिन होगा खास
मेघवाल ने कहा कि बीजेपी के संस्थापक श्यामाप्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल जी के समय से पार्टी आदिवासी समाज के लिए काम कर रही है। हम सत्ता में रहे हों या नहीं, हमेशा से उनकी आवाज उठाते रहे हैं। आज पीएम ने कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर 15 नवंबर को राष्ट्रीय आदिवासी गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। क्या कभी दूसरी पार्टी ने इसके बारे में सोचा? आदिवासी हमारे कोर एजेंडे में हैं।