Akhilesh का मोदी सरकार पर तंज: “डबल इंजन की सरकार में अब डब्बे भी टकरा रहे हैं”
Akhilesh यादव ने डबल इंजन सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह जनता की समस्याओं को सुलझाने में असफल रही है।
डबल इंजन सरकार पर कटाक्ष
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री Akhilesh यादव ने एक बार फिर डबल इंजन सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा,“डबल इंजन सरकार में पहले इंजन आपस में टकराते थे, और अब डब्बे भी टकरा रहे हैं। दिल्ली जाने का रास्ता देख रहे हैं, लेकिन जनता इनकी असलियत जान चुकी है।”
“डबल इंजन सरकार में पहले इंजन आपस में टकराते थे, और अब डब्बे भी टकरा रहे हैं। दिल्ली जाने का रास्ता देख रहे हैं, लेकिन जनता इनकी असलियत जान चुकी है।”
यह टिप्पणी उन्होंने रेलवे दुर्घटनाओं और केंद्र तथा राज्य सरकारों की आपसी खींचतान को लेकर की।
हिंदुस्तान सबका है: अखिलेश का संदेश
Akhilesh यादव ने एक कविता के माध्यम से एकता और समानता का संदेश दिया। उन्होंने कहा,“न मेरा है न तेरा है ये हिंदुस्तान सबका है,
नहीं समझी गई ये बात तो नुकसान सबका है।”
“न मेरा है न तेरा है ये हिंदुस्तान सबका है,
नहीं समझी गई ये बात तो नुकसान सबका है।”
उन्होंने इस पंक्ति के जरिए समाज में बढ़ते विभाजन और सांप्रदायिकता पर गहरी चिंता व्यक्त की। उनका कहना था कि अगर हम भारत को “सबका देश” मानने की भावना खो देंगे, तो यह सभी के लिए हानिकारक होगा।
सांस्कृतिक विविधता और महासागर का एहसान
अपनी कविता को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा,“हजारों रास्ते खोजे गए उस तक पहुँचने के,
मगर पहुँचे हुए ये कह गए भगवान सबका है।”
“जो इसमें मिल गईं नदियाँ वे दिखलाई नहीं देतीं,
महासागर बनाने में मगर एहसान सबका है।”
“हजारों रास्ते खोजे गए उस तक पहुँचने के,
मगर पहुँचे हुए ये कह गए भगवान सबका है।”
अखिलेश ने इस बात पर जोर दिया कि हर व्यक्ति को भगवान और धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश गलत है। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति और विरासत विभिन्न नदियों और संस्कृतियों के संगम से बनी है, और यह सबका साझा योगदान है।
“जो इसमें मिल गईं नदियाँ वे दिखलाई नहीं देतीं,
महासागर बनाने में मगर एहसान सबका है।”
उन्होंने इस पंक्ति के जरिए भारत की विविधता को महासागर से जोड़ा और बताया कि यह विविधता हमें मजबूती देती है।
रंग, खुशबू और ईमान का संदेश
Akhilesh ने अपनी कविता के अंतिम भाग में कहा,“अनेकों रंग, ख़ुशबू, नस्ल के फल-फूल पौधे हैं,
मगर उपवन की इज्जत-आबरू ईमान सबका है।”
“अनेकों रंग, ख़ुशबू, नस्ल के फल-फूल पौधे हैं,
मगर उपवन की इज्जत-आबरू ईमान सबका है।”
यह पंक्तियां भारत की विविधता और उसकी एकता की खूबसूरती को रेखांकित करती हैं। उन्होंने कहा कि इस विविधता को बनाए रखने के लिए ईमानदारी और सम्मान की जरूरत है।
जनता के मुद्दों पर सरकार की विफलता
Akhilesh यादव ने डबल इंजन सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह जनता की समस्याओं को सुलझाने में असफल रही है। उन्होंने कहा,“चाहे महंगाई हो, बेरोजगारी हो या फिर किसानों की समस्या, यह सरकार सिर्फ प्रचार करने में व्यस्त है।”
“चाहे महंगाई हो, बेरोजगारी हो या फिर किसानों की समस्या, यह सरकार सिर्फ प्रचार करने में व्यस्त है।”
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश को एक ऐसी सरकार की जरूरत है जो समाज के हर वर्ग के लिए काम करे और उनकी समस्याओं का समाधान करे।
Akhilesh Yadav : उत्तर प्रदेश में कस्टोडियल डेथ और साइबर अपराध पर गंभीर सवाल
Akhilesh यादव ने अपनी कविता और टिप्पणियों के माध्यम से सरकार को न केवल कटघरे में खड़ा किया, बल्कि समाज को एकता और समानता का संदेश भी दिया। उनका कहना था कि यह देश सबका है और इसे विभाजित करने की हर कोशिश का नुकसान पूरे देश को होगा। उन्होंने जनता से जागरूक होकर सही नेतृत्व चुनने की अपील की।