आज के बजट से जानता खुश नही बल्कि होगी नाराज-अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार द्वारा आज राज्य विधान सभा में प्रस्तुत बजट पूर्णतया निराशा जनक और जनहित की घोर उपेक्षा करने वाला है। भाजपा ने अपने चरित्र के अनुसार इसमें जनता को गुमराह करने वाली घोषणाएं की है। राज्य सरकार ने जाते-जाते झूठे वादों की झड़ी लगाई है और किसानों, नौजवानों, महिलाओं तथा व्यापारियों सभी को धोखा दिया है। भाजपा के बजट से गरीबों को नहीं अमीर उद्योगपतियों को और ज्यादा लाभ मिलेगा। बढ़ती मंहगाई पर नियंत्रण का कोई संकेत नहीं है। इसलिए अब भाजपा का खेल खतम और पैसा हजम।
मुख्यमंत्री जी‘ पेपर लेस‘ का बड़ा बखान कर रहे थे परन्तु हकीकत में यह भी नज़र आया कि टेबलेट से बजट गायब हो गया और पहली बार ऐसा हुआ कि विधायकों को बजट की जानकारी सुनकर ही मिली। बजट में विकास की दिशा ही नदारद है। काम करने के बजाय जुमलेबाजी से काम चलाया जा रहा है। भाजपा जो वादे करती है, वह पूरा नहीं कर पाती है।
आज किसान संकट में है, वह परेशान है। डीजल-पेट्रोल की कीमते आसमान छू रही है। सरकार इनका मुनाफा कहां ले जा रही है? गंगा नहीं साफ हुई है। लेकिन बजट साफ हो गया। बजट में गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के बारे में कोई घोषणा नहीं है। फसल की एमएसपी नहीं मिली। दुग्ध समितियों का 2 साल से पैसा बकाया है, उसके भुगतान का कोई प्रावधान इस बजट में नहीं है। सरकार ने पूरी तरह ढोंगी बजट पेश किया है।
भाजपा सरकार के तमाम हो-हल्ले के बावजूद आधार संरचना के लिए कम राशि के आवंटन से स्पष्ट है कि सरकार जनहित की योजनाओं के बारे में कोई स्पष्ट दृष्टि नहीं रखती है। रोजगार के नए अवसर सृजित करने में भाजपा सरकार फेल हुई है। बढ़ती ऊर्जा की आवश्यकताओं को भाजपा ने बजट में अनदेखी की है। सामाजिक सुरक्षा के उपक्रमों पर ध्यान नहीं दिया गया है।
सच तो यह है कि भाजपा सरकार के इस पेपर लेस बजट में किसान, मजदूर, युवा, महिला व कारोबारी किसी के भी हाथ कुछ नहीं आया, रह गए सबके हाथ खाली। भाजपा का ये ‘विदाई बजट‘ सबको रूला गया है।
इस बजट से जनता की परेशानियां कम नहीं होंगी बल्कि भाजपा सरकार के खिलाफ लोगों का आक्रोश ज्यादा बढ़ेगा। जब भाजपा सत्ता से बेदखल होगी और समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी तभी जनहित की योजनाएं गति पाएंगी और लोगों में खुशहाली आएगी