सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण पर बीजेपी पर कसे तंज, हो जाएंगे हैरान
सपा प्रमुख ने कहा, "मैं 15 अगस्त की पूरे देशवासियों को मुबारकबाद देता हूं. भारत के आजादी को लेकर के ना जाने कितने लोग शहीद हुए
देशभर में भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर जश्न मनाया जा रहा है. वहीं समाजवादी पार्टी प्रमुख और नेता विपक्ष अखिलेश यादव ने भी देशवासियों का मुबारकबाद दी है. इस दौरान उनका बयान भी आया है.
सपा प्रमुख ने कहा, “मैं 15 अगस्त की पूरे देशवासियों को मुबारकबाद देता हूं. भारत के आजादी को लेकर के ना जाने कितने लोग शहीद हुए. लोगों ने अपनी जान तक निछावर कर दी. हम जहां आज 15 अगस्त को आजादी की खुशियां मना रहे हैं. हम उन शहीदों को भी हम याद करते हैं, जिनकी कुर्बानी से हमें आजादी मिली. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा का नारा देकर आम लोगों को आजादी के आंदोलन से जोड़ने का काम किया. जिसके बाद ऐसा समय आया जब अंग्रेजों को भारत छोड़कर जाना पड़ा
देश की चुनौतियों पर क्या कहा
अखिलेश यादव ने कहा, “आज हम आजादी की खुशियां मना रहे हैं. हम इस खुशी के समय पर आजादी के संकल्पों को भी याद दिला रहे हैं. जो सपने लेकर के देश को आगे बढ़ाने के लिए काम किए गए उन सपनों को कैसे पूरा किया जाए. आज जब हम आजादी की खुशियां मना रहे हैं, वहीं देश के सामने चुनौतियां भी हैं. चिंता का विषय भी है कि महंगाई चरम सीमा पर है, चरम सीमा पर बेरोजगारी है. दुनिया के तमाम आंकड़ों को अगर हम देखें, चाहे स्वास्थ्य के क्षेत्र में, प्रेस की आजादी के क्षेत्र में या बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर कई जगह हमारा देश बहुत पीछे दिखाई दिया है.”
उन्होंने कहा, “आज हमारा देश दूसरे देशों के मुकाबले कैसे आगे बढ़े, जिन देशों के पास जनता को देने के लिए अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सब कुछ है वैसा हमारा देश भी बने. हमारे देश के बेरोजगारी कम हो और आर्थिक रूप से हम आगे बढ़ते हुए दिखाई दें. आज डिजिटल के दौर में हमारी डेमोक्रेसी कितनी सुरक्षित है. आज हमारे देशवासियों को इस बात की भी चिंता है कि कुछ लोग जाति के भेदभाव को आगे रखकर के धर्म में झगड़ा करा कर के वोटों को साधने का काम करते हैं.”
अखिलेश यादव ने कहा, “जहां हमारे देश का इतना मजबूत लोकतंत्र है. भाईचारा सद्भावना एक-दूसरे के बीच में प्यार कैसे बड़े उस विषय को लेकर भी हमें सोचना होगा. लोकतंत्र और मजबूत हो, हम संविधान के रास्ते पर आकर तो हमारा देश दुनिया में आगे बढ़ता हुआ नजर आएगा. जहां हम खुशियां मना रहे हैं, हमें ऐसी चिंता भी करनी चाहिए. समाज की बुराइयां और जाति का भेदभाव कैसे दूर हो इसके लिए बाबा साहब, डॉ राम मनोहर लोहिया और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने समय-समय पर कोशिश की है.”