योगी सरकार के बसों को अनफिट कहने पर भड़के अखिलेश यादव, कहा सरकार ख़ुद अपनी फिटनेस का सर्टिफिकेट दे

भारत में कोरोनावायरस के मद्देनजर लॉक डाउन किया गया। इस लॉक डाउन से प्रवासी मजदूरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। वहीं अब इन प्रवासी मजदूरों को लेकर राजनीति चरम पर है। बात बस इतनी है कि यह प्रवासी मजदूर अपने राज्य में जाना चाहते हैं। लेकिन देश के नेता इन मजदूरों पर भी राजनीति करने से नहीं चूक रहे हैं। कांग्रेश लगातार बीजेपी सरकार पर निशाना साध रही है। प्रियंका गांधी वाड्रा जहां 1000 बस प्रवासी मजदूरों के लिए भेजने की बात करती हैं तो दूसरी ओर योगी सरकार इनमें से कुछ बसों को अनफिट बता रही है। अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा है।
अखिलेश यादव ने कहां है कि उत्तर प्रदेश की सरकार बसों को फिटनेस सर्टिफिकेट के बहाने प्रवासी मजदूरों को सड़क पर उत्पीड़न कर रही है। अखिलेश यादव ने एक के बाद एक 2 ट्वीट किए हैं उन्होंने अपने पहले ट्वीट में लिखा है कि उप्र की सरकार बसों के फ़िटनेस सर्टिफिकेट के बहाने प्रवासी मज़दूरों को सड़कों पर उत्पीड़ित कर रही है। भाजपा सरकार ख़ुद अपने फिटनेस का सर्टिफिकेट दे कि इस बदहाली में क्या वो देश-प्रदेश चलाने के लायक है। अब कहाँ हैं पूरी दुनिया में भारत की उज्ज्वल होती छवि का ढिंढोरा पीटनेवाले।
वहीं उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में योगी सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है कि ये सच है कि बुनियाद कभी दिखती नहीं पर ये नहीं कि उसे देखना भी नहीं चाहिए। जिन ग़रीबों के भरोसे की नींव पर आज सत्ता का इतना बड़ा महल खड़ा हुआ है, ऊँचाईयों पर पहुँचने के बाद, संकट के समय में भी उन ग़रीबों की अनदेखी करना अमानवीय है। ये “सबका विश्वास” के नारे के साथ विश्वासघात है।